नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। नोट बंदी के बाद प्रचलन में आये 2000 के नोट (2000 Note ) का प्रचलन कम हो गया है। यानि अब 2000 का नोट मार्केट में कम चलन में है। सरकार (Government Of India) ने भी इसे स्वीकार किया है और इसेक सन्दर्भ में जानकारी भी दी है। आपको बता दें कि इस साल नवम्बर में 2000 के नोटॉन की संख्या घटकर 223.3 करोड़ नोट रह गई है।
जानकारी के अनुसार राज्यसभा में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में वित्त राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने जानकारी दी कि 31 मार्च 2018 को 2000 रुपये के नोटों की संख्या 336.3 करोड़ नोट थी जो अब 223.3 करोड़ नोट रह गई है हालाँकि 500 रुपये के नोटों की संख्या पर्याप्त है।
ये भी पढ़ें – मालदीव में है हनीमून मनाने का प्लान, बैग में रखना न भूलें ये आठ चीजें
वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि विशेष मूल्य वर्ग के नोटों की छपाई का फैसला सरकार लेती है और इसकी छपाई से पहले रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) से सलाह भी ली जाती है और फिर ये देखा जाता है कि जनता को किन नोटॉन की अधिक आवश्यकता है उस हिसाब से नोटों की छपाई की जाती है।
ये भी पढें – विवाह पंचमी 2021 : जानिए 8 दिसंबर का महत्व, बन रहे शुभ संयोग
वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि नोटबंदी के बाद से 2000 के नोट प्रचलन में आये लेकिन इनकी कमी का एक कारण ये भी है कि 2018 -19 के बाद 2000 के नोट छापने के लिए करेंसी प्रिंटिंग प्रेस को को डिमांड ही नहीं दी गई।
ये भी पढ़ें – खुशखबरी: इस दिन होगी OLA Electric Scooter की डिलीवरी, मिलेंगे 10 कलर, जानें खासियत
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने 8 नवम्बर 2016 को काले धन पार रोक लगाने के लिए नोटबंदी का फैसला किया था और 500 एवं 1000 के नोट को प्रचलन से समाप्त कर दिया था। बाद में 500 और 2000 रुपये के नए नोट प्रचलन में आये थे ।