पुणे में गुइलेन बैरी सिंड्रोम के मरीजों में बढ़ोत्तरी ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ाई, जानिए इस खतरनाक बीमारी के लक्षण

GBS एक गंभीर तंत्रिका तंत्र विकार है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम अपनी ही तंत्रिकाओं पर हमला करता है। इसके प्रमुख लक्षणों में कमजोरी, पैर और हाथों में झुनझुनी और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। यह सिंड्रोम संक्रमण खासकर वायरल या बैक्टीरियल इन्फ़ेक्शन के बाद हो सकता है। अगर किसी में इस तरह के लक्षण पाए जाते हैं तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेना जरूरी है।

Shruty Kushwaha
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Guillain-Barre Syndrome Cases Surge in Pune : महराष्ट्र के पुणे में गुइलेन बैरी सिंड्रोम (GBS) के मामलों में हाल ही में वृद्धि हुई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक 101 संदिग्ध मामले सामने आए हैं जिनमें 19 बच्चे भी शामिल हैं। इनमें से 16 मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया है और जीबीएस से एक व्यक्ति की मौत की खबर भी सामने आई है।

गुइलेन बैरी सिंड्रोम एक दुर्लभ और गंभीर न्यूरोलॉजिकल विकार है, जो आमतौर पर किसी वायरल संक्रमण के बाद उत्पन्न होता है। इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपनी तंत्रिकाओं पर हमला करती है, जिससे मांसपेशियों में कमजोरी और शारीरिक संतुलन में समस्याएं आती हैं।

पुणे में GBS के मरीजों की संख्या बढ़ी, जानिए क्या है ये बीमारी

पुणे में गुइलेन बैरी सिंड्रोम के मामलों में हाल ही में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है। अब तक 101 संदिग्ध मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है और अब वे मरीजों का इलाज करने के साथ-साथ इसके लक्षणों की पहचान और अन्य उपायों पर काम कर रहे हैं। गुइलेन बैरी सिंड्रोम में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपनी ही तंत्रिकाओं को लक्ष्य बनाकर उन पर हमला करती है।

हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) का मुख्य कार्य शरीर को संक्रमण और बीमारियों से बचाना है। यह प्रणाली शरीर के विभिन्न अंगों और कोशिकाओं का समूह होती है, जो बाहरी आक्रमणकारियों जैसे बैक्टीरिया, वायरस, फंगस और अन्य हानिकारक तत्वों से शरीर को सुरक्षा प्रदान करती है। लेकिन GBS में यह अपनी ही तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचाती है। इस सिंड्रोम की शुरुआत अक्सर किसी वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के बाद होती है, जैसे फ्लू, कोविड-19, आंतों का संक्रमण या कभी-कभी जुकाम जैसी समस्याएं। संक्रमण के बाद शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली तंत्रिकाओं पर हमला करती है, जिससे तंत्रिकाओं में सूजन और कमजोरी उत्पन्न होती है।

गुइलेन बैरी सिंड्रोम के लक्षण

  • मांसपेशियों में अचानक कमजोरी
  • झुनझुनी या सुन्नता (खासकर हाथों और पैरों में)
  • शारीरिक संतुलन में कमी या चलने में कठिनाई
  • सांस लेने में परेशानी (गंभीर मामलों में)
  • तेज दिल की धड़कन या रक्तचाप में परिवर्तन

कितना खतरनाक है गुइलेन बैरी सिंड्रोम

गुइलेन बैरी सिंड्रोम गंभीर हो सकता है। इसमें सांस लेने में कठिनाई, लकवा और कुछ स्थितियों में मृत्यु भी हो सकती है। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर एंड स्ट्रोक (NINDS) के अनुसार, जीबीएस के मरीजों में ब्लड क्लॉटिंग, कार्डियक अरेस्ट और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। आंकड़ों के अनुसार दुनिया में हर साल इससे पीड़ित करीब 7.5% मरीजों की मौत हो जाती है।

बचाव और उपचार

अब तक गुइलेन बैरी सिंड्रोम का कोई विशेष टीका उपलब्ध नहीं है, लेकिन वायरल संक्रमणों से बचाव जैसे फ्लू और कोविड-19 से बचकर इसके जोखिम को कम किया जा सकता हैं। यदि किसी को इस बीमारी के लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें। इसके इलाज के लिए प्लाज्मा एक्सचेंज, इम्यूनोग्लोबुलिन थेरेपी और फिजियोथेरेपी सहित कुछ अन्य चीजें शामिल हैं।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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