नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। वाराणसी के ज्ञानवापी मामले (Gyanvapi Case) में सुनवाई करने से सुप्रीम ने इंकार कर दिया है। अब कोर्ट अक्टूबर महीने के अगले हफ्ते में इस मामले की सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने याचिककर्ताओं को इस मामले को निचली अदालत में ले जाने को कहा है। हालांकि वो ट्रायल कोर्ट में इस मुद्दे को उठा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग की पूजा और कार्बन डेटिंग के मामले के फैसले के लिए जिला अदालत का इंतजार करने को कहा है। क्योंकि अभी यह मामला जिला कोर्ट में चल रहा है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट इस मामले में कोई भी फैसला नहीं सुना सकता। सुप्रीम कोर्ट ने बनारस कोर्ट को प्राथमिकता पर मस्जिद कमेटी और अन्य याचिका पर सुनवाई करने को भी कहा है।
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याचिकाकर्ता राजेश मणि त्रिपाठी ने शिवलिंग की पूजा करने की इजाजत मांगी थी। इस मामले की सुनवाई 3 जजों के बेंच द्वारा की गई, जिसका हिस्सा जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस नरसिम्हा और जस्टिस सूर्यकांत रहें। इस दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा की अभी इस मामले की सुनवाई बनारस कोर्ट में जारी है और इसके आदेश पर ही आगे की कारवाई निर्भर होगी।
वहीं वकील हरिशंकर जैन ने श्रद्धालु महिलाओं की तरफ से कार्बन डेटिंग की मांग कोर्ट के मामले रखी थी। जिसपर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा की “आप अनुभवी वकील हैं। आपको इस बात की जानकारी है इस तरह से सुनवाई नहीं हो सकती। यह मामला निचली अदालत में ले जाइए।” हरिशंकर जैन ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसकी अनुमति शीर्ष अदालत ने दे दी है। बता दें की ज्ञानवापी मस्जिद यूपी कर बनारस के बाबा विश्वनाथ के पास है। हिन्दू पक्ष का यह कहना है की यहाँ मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण मुगलकाल में करवाया था। फिलहाल के लिए सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला अक्टूबर तक टाल दिया है।