पेंशनरों को बड़ी राहत, 6 फीसदी ब्याज समेत मिलेगी बढ़ी हुई पेंशन की बकाया राशि, हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को दिया 6 हफ्ते का समय

हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को छह सप्ताह के भीतर बढ़ी हुई पेंशन की बकाया राशि छह फीसदी ब्याज सहित देने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि सरकार वित्तीय संकट के नाम पर पेंशनरों के वित्तीय लाभ रोक नही सकती है।

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HP Pensioners News : हिमाचल प्रदेश के पेंशनर्स के लिए राहत भरी खबर है। हिमाचल हाई कोर्ट ने एक बार फिर पेंशनर्स के हित में अहम फैसला सुनाया है।इसके तहत हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को पेंशनर्स को 42 दिन में छह फीसदी ब्याज सहित वित्तीय लाभ देने के आदेश दिए है। यह आदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य ने  प्रार्थी एसोसिएशन की याचिका को स्वीकारते हुए जारी किए हैं।

जनवरी 2022 में बनाए थे संशोधित वेतनमान के नियम

  • मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश सचिवालय और इससे संबद्ध पेंशनर्स कल्याण एसोसिएशन ने छठे वेतन आयोग के वित्तीय लाभ के संबंध में याचिका दायर की थी। प्रार्थी एसोसिएशन ने हाई कोर्ट मे याचिका दायर कर राज्य सरकार पर अबतक छठेे वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक कोई वित्तीय लाभ ना देने का आरोप लगया था।
  • याचिका में कहा गया था कि प्रदेश सरकार ने 3 जनवरी 2022 को संशोधित वेतनमान संबंधी नियम बनाए और छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत कर्मचारियों को पहली जनवरी 2016 से यह लाभ देने की घोषणा की, ऐसे में वे भी संशोधित वेतन मान की बकाया राशि पाने के हकदार हैं क्योंकि वे पहली जनवरी 2016 के पहले व बाद में सेवानिवृत्त हुए थे।
  • 25 फरवरी, 2022 को सरकार ने पेंशन नियमों में संशोधन कर पहली जनवरी, 2016 के बाद सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों की DCR ग्रेच्यूटी की सीमा दस लाख से 20 लाख कर दी थी। 17 सितंबर, 2022 को सरकार ने कार्यालय ज्ञापन जारी कर वित्तीय लाभ देने के लिए किश्तें बनाई जिसके अनुसार वित्तीय लाभों की बकाया राशि का भुगतान 5 किश्तों में करने का प्रावधान बनाया गया, लेकिन अबतक लाभ नहीं दिया गया है।
  • जो कर्मचारी पहली जनवरी, 2016 से 31 जनवरी, 2022 के बीच सेवानिवृत हुए हैं उन्हें वित्तीय लाभ 5 किश्तों में और जो पहली मार्च, 2022 से बाद सेवानिवृत हुए हैं उन्हें सभी लाभों का बकाया एक साथ किया जाए।इस पर हाईकोर्ट ने सभी लाभ छह हफ्ते में जारी करने के आदेश दिए।

42 दिन में पेंशनर्स को वित्तीय लाभ देने के आदेश

  • सभी पक्षों को सुनने के बाद हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश सचिवालय और इससे संबद्ध पेंशनर्स कल्याण एसोसिएशन के सदस्यों को छठे वेतन आयोग के तहत वित्तीय लाभ जारी करने के लिए आदेश दिए हैं। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को 6 सप्ताह में बढ़ी हुई पेंशन की बकाया रकम 6% ब्याज दर सहित देने के लिए कहा है।
  • न्यायाधीश सत्येन वैद्य ने कहा कि राज्य सरकार वित्तीय संकट के नाम पर पेंशनरों के वित्तीय लाभ न तो रोक सकती है।यदि एक बार किसी सेवारत अथवा सेवानिवृत्त कर्मचारी के पक्ष में वित्तीय लाभ कानूनी रूप से उत्पन्न हो जाएं, तो उन्हें अनिश्चितकाल के लिए न तो रोका जा सकता है और न ही उनमें कोई संशोधन कर कम किया जा सकता है।  सरकार कानूनी रूप से अपने वादों को पूरा करने के लिए बाध्य होती है इसलिए वित्तीय स्थिति का बहाना बनाकर वित्तीय लाभ नहीं रोके जा सकते।

बीते दिनों दिए थे संशोधित वेतनमान के बकाया एरियर के भुगतान के आदेश

  • बता दे कि यह पहला मौका नहीं है , इससे पहले पिछले हफ्ते हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश पर्यटन विकास निगम के रिटायर कर्मचारियों के हित में एक फैसला सुनाया था। इसमें शिमला हाईकोर्ट ने पर्यटन विकास निगम को सचिवालय और लोकसेवा आयोग के 147 पेंशनरों को संशोधित वेतनमान के बकाया एरियर का भुगतान छह फीसदी ब्याज के साथ छह सप्ताह के भीतर देने का आदेश दिया था।
  • हाईकोर्ट ने कहा था कि पर्यटन निगम को संशोधित ग्रेच्युटी भुगतान नियमों के मुताबिक ब्याज सहित 6 माह के अंदर करना होगा । संशोधित लीव एनकेशमेंट का भुगतान 6 % ब्याज सहित 6 माह के भुगतान भी 6 माह के भीतर करना होगा। अगर 6 महीने के अंदर इस आदेश का पालन नहीं होता है तो ब्याज 9% कर दिया जाएगा। अतिरिक्त DA व बकाया 50 फीसदी अंतरिम राहत का भुगतान छह माह के भीतर करने के आदेश जारी किए है।

 


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)