IMD Alert : दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव, 7 राज्यों में बारिश का ऑरेंज येलो अलर्ट, पर्वतों पर बर्फबारी तेज, कई राज्य में बढ़ा तापमान, जानें पूर्वानुमान

Kashish Trivedi
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IMD Alert, Aaj Ka Mausam : देश के अलग-अलग राज्यों में मौसम तेजी से बदल रहा है। उत्तर भारत में जहां तेज हवाएं चल रही है। वही सुबह और शाम तापमान में गिरावट जारी है। सुबह और शाम शीतलहर का अलर्ट जारी किया गया है जबकि दिन में धुप देखने को मिल रही है, जिससे लोगों को राहत नसीब है। वहीं दूसरी तरफ दक्षिणी राज्य में भारी बारिश का कहर जारी है।

13 दिसंबर से एक अन्य चक्रवाती परिसंचरण निर्मित होने के कारण दक्षिणी राज्य में फिर से भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया गया है जबकि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड सहित लेह लद्दाख, जम्मू कश्मीर में पहाड़ की चोटियों पर बर्फबारी तेज होगी। लद्दाख में अलग-अलग जगह पर बर्फबारी और बारिश की संभावना जताई गई है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की बात करें तो मध्य भारत के कुछ इलाके में सुबह सुबह कोहरा छा सकता है।

अरब सागर में निर्मित होगा चक्रवाती परिसंचरण

चक्रवात “मैंडूस” लैंडफॉल के बाद धीरे-धीरे कमजोर पड़ गया है। इसके साथ ही कई राज्य में हो रही बारिश थम गई है। हालांकि 13 दिसंबर से एक अन्य साइक्लोनिक सरकुलेशन तैयार हो रहा है। दरअसल एक चक्रवाती हवा का क्षेत्र दक्षिण प्रायद्वीपीय से अरब सागर के बीच निर्मित हुआ है। इसके प्रभाव से उत्तर केरल, कर्नाटक, से दूर दक्षिण-पूर्व और आसपास के मध्य अरब सागर पर एक कम दबाव का क्षेत्र निर्मित हुआ है।

जिसके कारण साइक्लोनिक सरकुलेशन समुद्र तल से 7.6 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है। इसके कारण 2 से 3 दिनों तक दक्षिण राज्यों के तमिलनाडु केरल कर्नाटक सहित महाराष्ट्र और रायलसीमा के कुछ हिस्से में मध्यम और भारी बारिश देखी जा सकती है हालांकि 3 दिनों के दौरान इसके कमजोर होने का पूर्वानुमान जताया गया है।

दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश में मध्यम बारिश

इस चक्रवाती परिसंचरण के कारण अगले 2 दिनों के दौरान तमिलनाड, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश में मध्यम बारिश हो सकती है। इसके अलावा 24 घंटे के दौरान केरल में और लक्ष्यदीप में भारी बारिश की संभावना जताई गई है।

अति भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी

वही देश में एक अन्य साइक्लोनिक सरकुलेशन दक्षिण अंडमान सागर और उससे सटे मलक्खा, सुमात्रा पर निर्मित हुआ है। यह समुद्र तल से 3.1 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है। जिसके कारण 15 दिसंबर को अंडमान निकोबार द्वीप समूह में भारी बारिश से अति भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही मौसम विभाग द्वारा पूर्वानुमान भी जताया गया है।

अगले 24 घंटे में MP में बारिश 

इसके अलावा मध्य भारत के कुछ हिस्से में बूंदाबांदी का अलर्ट भी जारी किया गया है। कई जिलों में मावत गिरने की संभावना जताई गई है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में भी तापमान तेजी से गिरेगा। अगले 24 घंटे में भोपाल सीहोर बुरहानपुर खंडवा खरगोन बड़वानी जबलपुर छिंदवाड़ा सिवनी में कहीं-कहीं हल्की वर्षा और बूंदाबादी देखने को मिल सकती है।

इन क्षेत्रों में बारिश

  • केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में छिटपुट बौछारें और गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं।
  • केरल, माहे, निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में छिटपुट स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
  • लद्दाख में अलग-अलग जगहों पर बर्फबारी या बारिश की संभावना है।
  • उत्तरी, मध्य और पूर्वी भारत में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ और पश्चिमी भारत में ‘खराब’ होने की संभावना है।
  • महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश में एक-दो स्थानों पर बारिश की संभावना है।
  • मध्य भारत के कुछ इलाकों में सुबह-सुबह कोहरा छा सकता है

राजधानी दिल्ली में तापमान में वृद्धि 

राजधानी दिल्ली में आधा दिसंबर बीतने के बाद भी कड़ाके की ठंड का एहसास नहीं हो रहा है। हालांकि तापमान में चार से पांच डिग्री की वृद्धि देखने को मिली है। पूर्वानुमान की माने तो 17 दिसंबर के बाद से दिल्ली में तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है।

दिल्ली में न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। फिलहाल कड़ाके की ठंड से इनकार किया गया है। दिल्ली वासियों को ठंड के लिए थोड़ा इंतजार और करना होगा। 15 दिसंबर से पश्चिमी विक्षोभ का असर हिमालय के इलाके में खत्म हो जाएगा। जिसके कारण हिमालय पर बर्फबारी तेज होगी। इसके कारण दिल्ली में मौसम परिवर्तन के संकेत मिल रहे हैं।

मौसम प्रणाली 

मौसम विभाग की बात करें तो कुछ दिनों से तापमान में बढ़ोतरी जारी है। उस के ऊपरी हिस्से में एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ तेजी से निर्मित हो रहा है कि पश्चिमी विक्षोभ की वजह से तापमान में वृद्धि देखी जा रही है। प्राइवेट मौसम एजेंसी की माने तो पश्चिमी विषय पहाड़ों पर एक्टिव है और ऐसे में मैदानी इलाकों में हवाओं की रफ्तार कम हो गई है। जिसके कारण तापमान में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है।

उत्तर प्रदेश में सर्द हवाओं के कारण ठंड

उत्तर प्रदेश में सर्द हवाओं के कारण ठंड बढ़ गई है। कई जिले में बादल छाए हुए हैं। मौसम में बदलाव के लिए चक्रवात को जिम्मेदार माना जा रहा है। प्रदेश के तमाम शहर में शीतलहर का असर भी दिखने लगा है।शाम होते ही तेज हवाएं चल रही है। लखनऊ में बीते दिनों तापमान में भारी गिरावट देखी गई है। तापमान गिरकर 12 डिग्री सेल्सियस पहुंच गए हैं। आने वाले दिनों में देखी जाएगी। इलाकों में देखने को मिल रहा है।

बिहार : कई जिलों में तापमान में बढ़ोतरी

बिहार में ठंड बढ़ गई है। कई क्षेत्रों में कनकनी और कोहरा देखने को मिल रहे। राज्य में गया को सबसे ठंडा माना गया है। मौसम में ठंड के कारण कनकनी बढ़ने के संकेत मिले हैं। वही तापमान में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है जबकि आज तापमान 3 डिग्री सेल्सियस देखने को मिल सकती है। पछुआ हवा के कारण बनी रहेगी कई जिलों में तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिली है। विभाग की माने तो मंगलवार बुधवार को अलग-अलग स्थानों पर सुबह और शाम कोहरे और धुंध की स्थिति निर्मित रहेगी।

राजस्थान में दिसंबर में भी गर्मी का एहसास

राजस्थान में दिसंबर में भी गर्मी का एहसास हुआ है। 4 डिग्री सेल्सियस तक रात के तापमान में भी बढ़ोतरी देखी गई है। कल से 2 से 3 डिग्री तापमान गिरावट का पूर्वानुमान जताया गया है। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले दिनों में मौसम का स्वरूप ऐसा ही बना रहेगा। जयपुर से मिली रिपोर्ट के मुताबिक न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

जयपुर मौसम केंद्र के मुताबिक जालौर डूंगरपुर, जोधपुर, बाड़मेर, उदयपुर में रात का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस भीलवाड़ा, कोटा, बूंदी, उदयपुर में भी तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिली है। हालांकि राजस्थान के चुरू में सोमवार को न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। करौली में 6.9 फतेहपुर में 7 जबकि पिलानी में 7.1 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया है।

झारखंड में मौसम में तेजी से बदलाव

झारखंड में दिन में जहां कड़ी धूप देखने को मिल रही है। वहीं शाम के समय सर्द हवा का असर भी व्याप्त है। जिसके कारण मौसम में लगातार बदलाव देखने को मिल रहे हैं। हालांकि दिसंबर के तीसरे सप्ताह में तापमान में भारी गिरावट देखने को मिलेगी। इसके साथ ही मौसम में तेजी से बदलाव होगा।

 


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