गूगल मैप इस्तेमाल करने वालों के लिए जरूरी खबर, नहीं रखा इस बात का ध्यान, जंगल में फंसा परिवार, पुलिस ने किया रेस्क्यू

जब भी हमें कहीं यात्रा पर जाना होता है, तो हमें लगता है कि गूगल मैप्स के जरिए हम आसानी से अपने गंतव्य पर पहुंच जाएंगे। हालांकि, पिछले कुछ दिनों में शॉर्टकट नेविगेशन की वजह से जो घटनाएं सामने आई है। उससे जाहिर है की आंख मूंदकर नेविगेशन पर भरोसा करना मुसीबत का कारण बन सकता है।

Diksha Bhanupriy
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Google Maps: गूगल मैप एक ऐसी सुविधा है, जिसके जरिए व्यक्ति आसानी से एक जगह से दूसरी जगह पहुंच जाता है। बस आपको कहां जाना है उसकी जानकारी आपको मैप में डालनी होती है और रास्ता स्क्रीन पर अपने आप दिखने लगता है। आमतौर पर हम सभी गाड़ी उठाते हैं, लोकेशन डालते हैं और निकल पड़ते हैं। हमारी यह आदत मुसीबत का कारण भी बन सकती है। ऐसा ही कुछ बिहार में रहने वाले एक परिवार के साथ हुआ।

कुछ दिनों पहले ही गूगल मैप के सहारे सफर कर रहे कार सवार तीन लोगों की मौत हो गई थी। दरअसल शॉर्ट रास्ता दिखाने के चक्कर में गूगल मैप पर अधूरे बने पुल की जानकारी आ गई थी। कार में सवार लोगों को इस बात का अंदाजा नहीं था और वह आधे बने हुए पुल से कार समेत नीचे गिर गए थे, जिससे उनकी मौत हो गई थी। अब गूगल मैप पर भरोसा करने का खामियाजा बिहार के एक परिवार को भुगतना पड़ा। मैप की सहायता से चलते-चलते यह जंगल में फंस गए और पूरी रात इन्हें खतरनाक जंगल में गुजारनी पड़ी।

बिहार से गोवा जा रहा था ये परिवार

गलत नेविगेशन के कारण खतरनाक जंगल में फंसा ये परिवार बिहार से गोवा जा रहा था। मैप की सहायता से जब यह कर्नाटक के बेलगावी जिले के पास पहुंचे तब नेविगेशन में एक छोटा रास्ता दिखाई दिया। यह रास्ता भीमगढ़ जंगल से होकर गुजर रहा था, जो बहुत घना है। इस रास्ते पर भरोसा करना परिवार के लिए मुसीबत बन गया और लगभग 7 से 8 किलोमीटर अंदर जाने के बाद वह घने जंगल में फंस गए।

जंगल में पहुंचने के बाद नेटवर्क भी नहीं मिल रहा था तब उन्हें एहसास हुआ कि वह बड़ी गलती कर चुके हैं। गूगल मैप्स के शॉर्टेस्ट नेवीगेशन के चक्कर में फंसने वाला यह परिवार पहला नहीं है। कई बार जब हम गूगल मैप के सारे यात्रा करते हैं तो हमें भी छोटे रास्ते के सुझाव मिलते हैं। इस रास्ते पर आंख बंद कर भरोसा करने से पहले यह जरूरी है कि हम घर से निकलने से पहले अपने रूट को डिसाइड कर लें और सारी जानकारी निकालने के बाद ही सफर शुरू करें।

जंगल में गुजरी रात, बुलाई इमरजेंसी सेवा

घने जंगल और उबर खाबड़ रास्ते में फंसा यह परिवार फोन नेटवर्क से बिल्कुल दूर था। गूगल मैप ने भी इनका साथ छोड़ दिया था। बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं दिखाई दे रहा था, जिस वजह से इन्हें पूरी रात जंगल में गुजारनी पड़ी। रात भर जैसे तैसे गुजारने के बाद नेटवर्क की तलाश में यह 4 किलोमीटर पैदल चले। इसके बाद नेटवर्क मिलते ही इमरजेंसी हेल्पलाइन पर संपर्क किया। जैसे ही इस बात की जानकारी लगी पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और परिवार को जंगल से बाहर निकाला।

गूगल मैप शॉर्टकट बन रहे हैं मुसीबत (Google Maps)

हम अपनी जिंदगी के हर काम के लिए तकनीक पर पूरी तरह से निर्भर हो चुके हैं। हालांकि, पूरी तरह से तकनीक पर डिपेंड रहना कितना खतरनाक साबित हो सकता है। यह पिछले कुछ दिनों में गूगल के शॉर्टकट नेविगेशन की वजह से हुई घटनाओं से साफ हो गया है। बिहार का यह परिवार जहां रात भर जंगल में फंसा रहा। वहीं कुछ दिनों पहले तीन लोगों की मौत शॉर्टकट के चक्कर में निर्माणाधीन पुल से कार नदी में गिरने से हो गई थी। हम सुरक्षित यात्रा कर सकें और सही तरह से अपने गंतव्य पर पहुंच सकें। इसके लिए यह जरूरी है कि गूगल नेविगेशन पर आंख मूंदकर भरोसा करने की जगह सतर्क रहें और स्थानीय लोगों से पूछताछ कर आगे बढ़े।


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Diksha Bhanupriy

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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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