शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले में बढ़ा तनाव, गेटवे ऑफ इंडिया अस्थायी रूप से बंद, पढ़ें पूरी खबर

Mumbai: मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के अचानक गिरने से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (MVA) ने विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। 'जूते मारो आंदोलन' आज यानी रविवार 1 सितंबर को गेटवे ऑफ इंडिया पर किया जाएगा।

Gate Way of India

Mumbai: मुंबई आने वाले पर्यटकों के लिए एक बहुत ही जरूरी सूचना है। दरअसल, इस रविवार को शहर का मशहूर गेटवे ऑफ इंडिया घूमने के लिए उपलब्ध नहीं होगा। रविवार सुबह 10 बजे से इसे अगले आदेश तक पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। इस अस्थायी बंद का कारण महा विकास अघाड़ी (MVA) द्वारा आयोजित ‘जूते मारो आंदोलन’ है, इसी वजह से प्रशासन ने गेटवे ऑफ इंडिया को सुरक्षा के लिहाज से बंद रखने का फैसला लिया है।

आपको बता दें, कुछ समय पहले महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग स्थित राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा के अचानक गिरने से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस प्रतिमा का अनावरण पिछले साल 4 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा नौसेना दिवस पर किया गया था। अब इस घटना के बाद प्रतिमा की जिम्मेदारी और रखरखाव को लेकर कई बड़े सवाल उठ रहे हैं।
Gate Way of India

 ‘जूते मारो आंदोलन’ का ऐलान

अब इस मुद्दे को लेकर विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (MVA) ने विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। यह आंदोलन आज यानी रविवार 1 सितंबर को गेटवे ऑफ इंडिया पर किया जाएगा। इसी कारण से रविवार सुबह 10 बजे से मुंबई के मशहूर गेटवे ऑफ इंडिया (Gateway of India) को पर्यटकों के लिए बंद रखा गया है, यह कब तक बंद रहेगा इसकी अभी कोई सटीक जानकारी नहीं मिली है। आपको बता दें, महा विकास अघाड़ी ने मुंबई में हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक विरोध मार्च निकालने का ऐलान किया है।

सुरक्षा के इंतजाम और पर्यटकों पर प्रभाव

आंदोलन को मद्देनजर रखते हुए गेटवे ऑफ इंडिया के क्षेत्र में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। आपको बता दें, कि मुंबई आने वाले हर पर्यटक के लिए गेटवे ऑफ इंडिया देखना एक खास अनुभव होता है, क्योंकि जो भी मुंबई घूमने जाता है वह गेटवे ऑफ इंडिया देखे बिना कभी वापस नहीं जा सकता। यह मुंबई टूरिज्म का प्रमुख आकर्षण है, जहां हर रोज हजारों लोग आते हैं। खासतौर पर रविवार के दिन यहां भीड़ डबल देखने को मिलती है।

 

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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