नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। गुरुवार को वर्ल्ड बैंक (World Bank) की ओर से भारत की वृद्धि दर (India growth rate) के बारे में जानकारी दी गई है। ग्लोबल हालातों का हवाला देते हुए विश्व बैंक ने भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ घटने का अनुमान जताया है। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.5% की दर से बढ़ेगी। ये आंकड़ा जून 2022 की दर से 1 फीसदी कम है।
वर्ल्ड बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के बीच होने वाली वार्षिक बैठक से पहले एक रिपोर्ट जारी की गई है। उसी रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि दुनिया के बाकी हिस्सों की अपेक्षा भारत के संभलने की स्थिति ज्यादा मजबूत है। बीते वर्ष भारत की वृद्धि दर 8.7 फीसदी रिकॉर्ड की गई थी।
भारत की ग्रोथ रेट के बारे में जानकारी देते हुए दक्षिण एशिया वर्ल्ड बैंक के अर्थशास्त्री हैंस टिमर ने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने दक्षिण एशिया के बाकी देशों की तुलना में मजबूत वृद्धि दर्ज करते हुए बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। कोविड जैसी महामारी से बुरी तरह जूझने के बाद भी भारत ने जोरदार वापसी की है।
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उन्होंने इस बात की जानकारी भी दी है कि भारत के ऊपर कोई बड़ा कर्ज नहीं है इसलिए कोई भी समस्या नहीं है। मौद्रिक नीति भी विवेकपूर्ण तरीके से चलाई जा रही है। इसी के साथ सेवा निर्यात में भारत का प्रदर्शन बहुत अच्छा है।
वर्ल्ड बैंक ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत का ग्रोथ रेट इस वक्त अच्छे प्रदर्शन पर है लेकिन ग्लोबल लेवल पर जो स्थिति बन रही है उसकी वजह से अनुमान को घटाया गया है। दूसरी छमाही के दौरान भारत के अपेक्षा कई देशों की वृद्धि दर कमजोर और कम रहने वाली है।
वर्ल्ड बैंक के अलावा विश्व व्यापार संगठन ने भी ग्रोथ रेट के बारे में अनुमान जताते हुए कहा है कि ग्लोबल लेवल पर साल 2023 में वृद्धि दर घटकर 1% तक जा सकती है। 3.5% वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया है जबकि अप्रैल में यह अनुमान 3% था। डबल्यूटीओ ने इस बात की जानकारी भी दी है कि ग्लोबल लेवल पर वृद्धि 2022 की दूसरी छमाही में सुस्त और 2023 में मंदी पड़ सकती है।