India’s First Glass Bridge : भारत में घूमने के लिए एक से बढ़कर एक टूरिस्ट प्लेस है। जिसमें एक और नाम ग्लास ब्रिज का जुड़ गया है, जो कि देश का पहला ऐसा पुल है, जहां पर्यटकों को दो विद्वानों के स्मारक देखने को मिलेंगे। इसके साथ ही समुद्र का शानदार नजारा भी देखने को मिलेगा।
हाल ही में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कन्याकुमारी के तट पर विवेकानंद रॉक मेमोरियल और 133 फीट ऊंची तिरुवल्लुवर प्रतिमा को जोड़ने वाले कांच के पुल का उद्घाटन किया है।
37 करोड की लगात से किया गया तैयार
पुल की लंबाई की बात करें, तो यह 77 मीटर है, जबकि इसकी चौड़ाई 10 मीटर है। इसके उद्घाटन होते ही यहां पर्यटकों का काफी अधिक जमावड़ा देखने को मिला। लोग दूर-दराज से यहां के खूबसूरत नजारे का दीदार करने पहुंच रहे हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार द्वारा 37 करोड रुपए खर्च किए गए हैं। यह भारत का पहला ग्लास ब्रिज है, जिसे समुद्र के ऊपर बनाया गया है। यह तेज समुद्री हवाओं का सामना कर सकता है। इसके अलावा, लोगों की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा गया है।
आर्थिक रुप से मिलेगी मजबूती
इस ब्रिज को धनुषाकार ऑर्क के रूप में बनाया गया है, जो कि पूरी तरह से ग्लास का ब्रिज है। इस ब्रिज को बनाने के लिए बहुत सारे स्पेशलिस्ट की मदद लेनी पड़ी है। वैसे भी कन्याकुमारी टूरिस्ट प्लेस रहा है, लेकिन ग्लास ब्रिज के बन जाने से यहां पर्यटकों की संख्या दुगनी हो सकती है। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इस ब्रिज को लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की मदद से बनाया गया है।
आप भी करें एक्सप्लोर
यदि आप भी देश के पहले ग्लास ब्रिज को एक्सप्लोर करना चाहते हैं, तो आप यहां जा सकते हैं। यहां आपको बेहतर एक्सपीरियंस मिलेगा। यहां आपको समुद्र के व्यूह के साथ-साथ दो लोगों के स्मारक को देखने का मौका मिलेगा। पहले लोग यहां जाने के लिए बोट का इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब उन्हें इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी। इस पुल के जरिए आप विवेकानंद रॉक मेमोरियल और तिरुवल्लुवर प्रतिमा को देख सकते हैं।