जन्माष्टमी 2024 (Janmashtami) का त्योहार पूरे देश में धूमधाम और हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया। दरअसल देशभर के मंदिरों में विशेष रूप से भव्य सजावट की गई, और भक्तों ने अपने घरों में भी पूजा स्थल सजाकर भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव को धूमधाम के साथ मनाया। वहीं यह पर्व न केवल धार्मिक रूप से देश के लिए महत्वपूर्ण रहा, बल्कि हम आपको बता दें कि यह आर्थिक गतिविधियों के लिहाज से भी देश के लिए अत्यंत सफल सिद्ध हुआ है।
जानकारी के अनुसार देशभर में जन्माष्टमी (Janmashtami) के अवसर पर लगभग 25,000 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ, जो इस फेस्टिव सीजन की शानदार शुरुआत का अच्छा संकेत दिखाई दे रहा है। दरअसल जन्माष्टमी (Janmashtami) से सभी बड़े त्यौहार शुरू हो जाते हैं। ऐसे में आने वाले त्यौहारों में यह रौनक और भी बढ़ सकती है।
धूमधाम से मनाया गया जन्माष्टमी (Janmashtami) का त्यौहार
दरअसल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी जन्माष्टमी (Janmashtami) का पर्व भारतीय परंपरा में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। जानकारी के अनुसार भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण का अवतार हुआ था, जिसके बाद से ही इस दिन को धूमधाम से मनाया जाता है। बता दें कि बीते दिन उत्तर प्रदेश के मथुरा-वृंदावन, गुजरात के द्वारका और महाराष्ट्र के पंढरपुर जैसे प्रमुख तीर्थस्थलों में भी जन्माष्टमी की रौनक देखने को मिली।
व्यापारिक गतिविधियों को मिला बढ़ावा
वहीं कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद प्रवीण खंडेलवाल के मुताबिक इस बार जन्माष्टमी (Janmashtami) के दौरान बाजारों में फूल, फल, मिठाइयां, भगवान की पोशाक, शृंगार सामग्री, व्रत के खाद्य पदार्थ, दूध-दही, मक्खन और ड्राई फ्रूट्स जैसी चीजों की खूब खरीदारी हुई। इन सभी वस्तुओं की बढ़ती मांग ने पूरे देश में आर्थिक गतिविधियों को तेजी दी, जिससे व्यापारियों को भी अच्छा-खासा मुनाफा हुआ है। बता दें कि इस वर्ष की जन्माष्टमी ने बाजार को नई गति प्रदान की है, जिससे आगामी त्योहारों के लिए भी सकारात्मक माहौल तैयार हुआ है।
दरअसल CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने बताया कि इस साल जन्माष्टमी (Janmashtami) के मौके पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। विशेष रूप से उत्तर और पश्चिम भारत में इस पर्व का उल्लास देखने लायक था। मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी और वहां भव्य सजावट की गई थी। कई स्थानों पर डिजिटल झांकियां, भगवान कृष्ण के साथ सेल्फी प्वॉइंट्स, और आकर्षक झांकियों ने लोगों का ध्यान खींचा। भजन, धार्मिक नृत्य, संतों के प्रवचन और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों ने इस पर्व की शोभा को और भी बढ़ा दिया।