नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की जज ने पश्चिम बंगाल चुनाव (west bengal elections) के बाद हुए दंगों (riots) की सुनवाई करने से मना कर दिया। ज्ञात हो कि बंगाल में हुए चुनाव के बाद वहां दंगों की खबर सामने आई थी जिसमें भाजपा कार्यकर्ताओं (bjp workers) को जान से मारे जाने का आरोप है। इसी मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में जज जस्टिस इंदिरा बनर्जी (justice indira banerjee) के सामने होनी थी लेकिन जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने इस मामले की सुनवाई करने से साफ मना कर दिया है।
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बता दें कि जस्टिस इंदिरा बनर्जी खुद कलकत्ता से हैं और इस मामले की सुनवाई के संबंध में उन्होंने कहा, ” मैं ये केस नहीं सुनना चाहती। नॉट बिफोर मी” यानी कि मेरे सामने नहीं।
दंगों में मारे गए या घायल लोगों के पीड़ित परिवारों ने कोर्ट जाकर इन दंगों पर सीबीआई जांच की मांग की थी। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार से इस मामले में जवाब मांगा था जिसमें बंगाल सरकार ने इन दंगों को राजनीति से प्रेरित बताया था और कहा था कि इन्हें खारिज कर देना चाहिए। बंगाल सरकार ने ये भी कहा कि हर वो दंगा जो चुनाव के बाद होता है उसे मतदान के बाद के दंगे नहीं कह सकते हैं। हालांकि जस्टिस इंदिरा बनर्जी के मना करने के बाद ये केस किसी और बेंच को दिया जाएगा।
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भाजपा का आरोप है कि पश्चिम बंगाल में अप्रैल-मई में हुए चुनाव के बाद तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने भाजपा कार्यकर्ताओं को जान से मार डाला, महिला कार्यकर्ताओं के साथ अभद्रता की, भाजपा कार्यकर्ताओं के घर मे तोड़-फोड़ की और भाजपा के ऑफिस भी तोड़ डाले थे।