हिमाचल में बसी अनोखी जगह है Karsog, यहां की खूबसूरती देगी जन्नत सा एहसास

Diksha Bhanupriy
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Karsog Hill Station: भागदौड़ भरी जिंदगी से दूर घूमना फिरना हर कोई पसंद करता है। जब ट्रिप पर जाने का नाम आता है, तो जानी पहचानी जगह तो हर किसी को याद आती है। हालांकि, कई बार पहचानी जगह पर जाना उतना रोमांचित नहीं करता जितना की किसी अनदेखी जगह पर जाना करता है। अगर आप किसी ऐसी ही जगह की तलाश कर रहे हैं, तो हिमाचल की खूबसूरती आपको बुला रही है।

आज हम आपको हिमाचल की हसीन वादियों में मौजूद एक ऐसी जगह के बारे में बताते हैं, जहां की खूबसूरती देखकर आप हैरान हो जाएंगे। इस खूबसूरत जगह पर पहुंचने के रास्ते में ही आपको इतने सुंदर नजारे देखने को मिलेंगे जो आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे।

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बहुत खूबसूरत है करसोग

आपने कुल्लू, मनाली और धर्मशाला जैसी जगह तो देखी ही होगी, लेकिन इन सब से अलग आप अगर किसी खूबसूरत जगह पर जाना चाहते हैं तो करसोग बेस्ट है। ये जगह जिला मंडी से 125 किलोमीटर दूर है। यहां तक पहुंचने के दौरान आपको नाशपाती, चीड़, देवदार, कैल और सेब के पेड़ देखने के लिए मिलेंगे। इस जगह की सबसे अच्छी बात ये की यहां आपको भीड़ भाड़ बिल्कुल भी नहीं रहती है।

यहां पर बर्फ से लिपटे हुए पहाड़ों से आने वाली ठंडी हवा व्यक्ति में ताजगी भर देती है। अगर आप कुछ पल खुद के साथ बिताना चाहते हैं, तो इस जगह पर जाना बिल्कुल सही रहेगा। इस जगह से कई सारी मान्यताएं भी जुड़ी है, जो बहुत ही खास है। चलिए आपको इस बारे में बताते हैं।

करसोग से जुड़ी मान्यता

ये सुंदर सी जगह 45000 फीट की ऊंचाई पर बसी हुई है। इस घाटी का नाम कर और सोग तो शब्दों से मिलकर बना हुआ है। इस जगह से महाभारत काल की एक कहानी जुड़ी हुई है। इस कहानी के मुताबिक इस गांव पर एक राक्षस का आतंक था और वो रोज एक आदमी को खाया करता था। इस कारण गांव वाले काफी परेशान रहते थे। भीम ने us राक्षस के आतंक से गांव वालों को मुक्ति दिलाई थी।

घूमें ये जगह

करसोग में घूमने के लिए एक से बढ़कर एक जगह मौजूद है। यहां शिखरी देवी, कमाक्षा देवी, कमरूनाग और महुनाग मंदिर है, जो लोगों की आस्था का केंद्र है। यहां पर स्थित ममलेश्वर मंदिर का संबंध पांडवों से बताया जाता है। कहा जाता है कि उन्होंने यहां पर अज्ञातवास के दौरान कुछ समय बिताया था।

ममलेश्वर मंदिर में 5 शिवलिंग बने हुए है। मान्यताओं के मुताबिक इनकी स्थापना पांडवों ने की थी। इस मंदिर में 200 ग्राम का एक गेहूं का दाना भी है और भीम का ढोल भी यहां रखा हुआ है। यहां जलने वाले एक धुना के के महाभारत काल से लगातार जलने की बात कही जाती है।

ये जगह एडवेंचर के शौकीनों के लिए भी बेस्ट है। अगर आप ट्रेकिंग करना चाहते हैं, तो यहां से 22 किमी की दूरी पर मौजूद रोहांडा एक बेहतरीन जगह है। इसी जगह से कमरू नाग ट्रेक की शुरुआत होती है, जो एडवेंचर के शौकीनों की पसंदीदा जगह है।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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