नई दिल्ली| भारत के 12 मिराज-2000 विमानों ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी संगठन जैश के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया है| मंगलवार तड़के सुबह 3.30 बजे 1000 किलो विस्फोटक pok के आतंकी ठिकानों पर गिराया गया है| इस कार्रवाई में जैश का सबसे बड़ा कैंप ध्वस्त हुआ है| जिसमे 200 से 250 आतंकियों के मारे जाने की खबर है| भारतीय वायुसेना की इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है| पुलवामा हमले के बाद से ही इस कार्रवाई का देश इन्तजार कर रहा था| इस हमले में भारतीय वायुसेना ने मिराज 2000 विमानों का इस्तेमाल किया है। जिसमें जैश का अल्फा-3 कंट्रोल रूम तबाह किया गया है। हर तरफ वायुसेना की वाहवाही हो रही है और सबसे ज्यादा चर्चा मिराज 2000 विमान की हो रही है| आइए आज हम मिराज 2000 लड़ाकू विमान के बारे में खास बातें जानते हैं…
इस विमान का निर्माण डासो एविएशन ने किया है। यह वहीं कंपनी ने जिसने रफाल का निर्माण किया है, जिसका सौदा हाल में ही भारत ने फ्रांस से किया है। फ्रांस की डासो ने मिराज 2000 का निर्माण मिराज III को रिप्लेस करने के लिए किया था। इसका निर्माण एक हल्के फाइटर जेट के रूप में हुआ है। मिराज 2000 विमान एक साथ कई काम कर सकते हैं। विमान ज्यादा से ज्यादा विमान के बम या मिसाइल को दुश्मनों को ठिकाने पर ले जाकर गिराने में सक्षम है। यह हवा में दुश्मन का मुकाबला भी कर सकता है।
जानें लड़ाकू विमान मिराज 2000 के बारे में
1- फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट एविएशन ने मिराज 2000 लड़ाकू विमान बनाया है। यह वही कंपनी है जिसने राफेल को बनाया है।
2-मिराज-2000 विमान की लंबाई 47 फीट और इस खाली विमान का वजन 7500 किलो है।
3- मिराज-2000 13800 किलो गोला बारूद के साथ भी 2336 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से उड़ सकता है।
4-मिराज-2000 125 राउंड गोलियां प्रति मिनट दागता है और 68 मिमी के 18 रॉकेट प्रति मिनट दागता है।
5- पहली बार 1970 में उड़ान भरने वाला मिराज 2000 फ्रेंच मल्टीरोल, सिंगल इंजन चौथी पीढ़ी का फाइटर जेट है। ये फाइटर जेट विभिन्न देशों में सेवा दे रहा है।
6- मिराज-2000 एक साथ हवा से जमीन और हवा से हवा में भी मार करने में सक्षम है।
7- डसॉल्ट मिराज 2000 लड़ाकू विमान ने कारगिल युद्ध में बड़ी भूमिका रही थी।
8- अक्टूबर 1982 में भारत ने 36 सिंगल सीटर सिलेंडर मिराज 2000 एचएस और 4 ट्वीन सीटर मिराज 2000 टीएसएस का ऑर्डर दिया था।