भारत एक विविधतापूर्ण देश है जहां हर राज्य की अपनी अलग संस्कृति, परंपराएं और कानून हैं। इसी विविधता में एक महत्वपूर्ण अंतर है शराब के सेवन को लेकर। भारत के कुछ राज्यों में शराब का सेवन पूरी तरह से प्रतिबंधित है, जिसे शराबबंदी कहा जाता है। इस लेख में हम उन राज्यों के बारे में चर्चा करेंगे जहां शराब का सेवन करना कानूनन अपराध है। आइए जानते हैं कि इस सूची में कौन-कौन से राज्य शामिल हैं और शराबबंदी के पीछे के कारण क्या हैं।
गुजरात
गुजरात भारत का पहला राज्य है जिसने शराबबंदी लागू की थी। महात्मा गांधी की जन्मभूमि होने के नाते, 1960 में इस राज्य में शराब का सेवन पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया था। इस प्रतिबंध के पीछे मुख्य उद्देश्य राज्य में नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देना और लोगों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखना था। आज भी, गुजरात में शराब रखना या पीना एक गंभीर अपराध माना जाता है और इसके लिए भारी जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान है।
बिहार
बिहार में अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद राज्य में एक बड़ा सामाजिक बदलाव देखने को मिला। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के आग्रह पर इस कानून को सख्ती से लागू किया, जिससे राज्यभर में शराब का उत्पादन, बिक्री और सेवन पूरी तरह से बंद हो गया। इस कदम ने महिलाओं में खुशी की लहर पैदा की, क्योंकि शराबबंदी ने घरेलू हिंसा, आर्थिक कठिनाइयों और परिवारों में बिखराव को रोकने में मदद की।
मणिपुर
मणिपुर में शराब की बिक्री और सेवन पर कानूनी प्रतिबंध के बावजूद, अवैध शराब का कारोबार राज्य में गहराई से जड़ें जमा चुका है। राज्य सरकार ने सांस्कृतिक और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए यह प्रतिबंध लगाया था, लेकिन कुछ जनजातीय क्षेत्रों में इसे छूट भी दी गई है। इसके बावजूद, अवैध शराब की उपलब्धता और सेवन ने न केवल स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों को बढ़ावा दिया है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक समस्याओं को भी उत्पन्न किया है। यह समस्या राज्य की कानून व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है, जो मणिपुर के विकास और शांति को बाधित कर रही है।