Lok Sabha Elections: देश में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार के लिए तैयार हैं। जल्द ही देश में लोकसभा चुनाव होना है। चुनाव से पहले कई लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठते है। वहीं आज हम आपके लिए एक बहुत ही जरूरी सवाल का उत्तर लेकर आए है। दरअसल आज हम आपको बताने वाले हैं कि क्या आप भी चुनाव में अपनी पार्टी बना सकते है? इसको लेकर चुनाव आयोग के क्या नियम है? वहीं राजनीतिक पार्टियां अपने पार्टी का नाम कैसे रखती हैं।
क्या आप भी बना सकते है अपनी पार्टी?
दरअसल हमें चुनाव लड़ने के लिए सबसे पहले किसी पार्टी की जरूरत होती है। ऐसे में एक सवाल उठता है कि क्या आप अपनी पार्टी बना सकते है? दरअसल हम आपको जानकारी दे दें कि अगर कोई भारतीय नागरिक कोई राजनीतिक पार्टी बनाता है तो उसे चुनाव आयोग से मान्यता लेना होती हैं। जानकारी के अनुसार कोई भी पार्टी बनाने के बाद चुनाव आयोग के पास पार्टी का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है। दरअसल इसके लिए हमारे संविधान में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में राजनीतिक दल बनाने से जुड़े नियमों का जिक्र किया गया है।
दरअसल इन नियमों के तहत कोई भी पॉलिटिकल पार्टी बनाने के लिए चुनाव आयोग की तरफ से जारी फॉर्म पार्टी को भरना होता है। जानकारी के अनुसार इस फॉर्म को ऑनलाइन भरना होता है। फॉर्म भरने के बाद इसका एक प्रिंटआउट लेकर अन्य जरूरी दस्तावेजों के साथ चुनाव आयोग के पास 30 दिन के अंदर जमा करना होता है। जानकारी दे दें कि इस प्रक्रिया में 10 हजार रुपये बतौर शुल्क जमा कराना होता है।
पार्टी बनाने के लिए क्या शर्तें होती है?
दरअसल कोई भी पार्टी बनाने से पहले कई शर्तों से गुजरना होता है। जानकारी के अनुसार पार्टी के रजिस्ट्रेशन शुरू करने से पहले उसके लिए संविधान भी तैयार करना जरूरी होता है। जिसमें कई बातें लिखी हुई होती है, जानकारी के अनुसार इसमें आपको राजनीतिक दल नाम बताना होता हैं, साथ ही पार्टी के काम करने का तरीका भी लिखा होता हैं, वहीं पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव कैसे होगा? यह सब जानकारी पार्टी बनाने से पहले साफ की जाना चाहिए। जानकारी के अनुसार रजिस्ट्रेशन से पहले पार्टी के अहम पदों पर बैठे लोगों की जानकारी भी आयोग को देना जरूरी होता है।
आपको बता दें की पार्टी बनाने के लिए कम से कम उससे 500 सदस्यों का जुड़ा होना जरूरी होता है। इसके साथ ही यह सभी सदस्य किसी अन्य दल से नहीं जुड़े होने चाहिए। जिसके लिए एक हलफनामा भी देना जरूरी होता है, जो इसकी पुष्टि करता है कि इन सदस्यों में से कोई भी सदस्य किसी दूसरी पॉलिटिकल पार्टी के साथ नहीं जुड़े हैं।