सुप्रीम कोर्ट में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज, ‘AAP’ बोली हम कोर्ट का सम्मान करते हैं, मनोज तिवारी बोले ‘सत्यमेव जयते’

Delhi Liquor Scam : आबकारी घोटाला मामले में पांच दिन की सीबीआई रिमांड पर चल रहे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सुप्रीम कोर्ट पहुंचे वहां से उनको राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट जाने की सलाह दी है। दिल्ली के डिप्टी CM सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने की याचिका पर CJI की अगुआई वाली बेंच ने मंगलवार शाम सुनवाई की।

वहीं सूत्रों के मुताबिक- सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की बेंच सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई की। वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस नरसिम्हा की बेंच के सामने मनीष सिसोदिया का पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान जजों ने कहा कि आपको हाईकोर्ट जाना चाहिए था, सीधे सुप्रीम कोर्ट से जमानत क्यों मांग रहे हैं। आप अनुच्छेद 32 के तहत यहां क्यों आए। यह अच्छी और स्वस्थ परंपरा नहीं है। आपके पास जमानत के लिए हाईकोर्ट का विकल्प है।

मिली जानकारी के अनुसार, आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट की सलाह पर अब इस मामले को हाईकोर्ट में लेकर जाएगी। पार्टी ने कहा कि हम कोर्ट का सम्मान करते हैं।

भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि सत्यमेव जयते … सुप्रीम कोर्ट से नही मिली राहत…शराब मंत्री सारे राज उगलेगा, और जाँच की आँच जल्द मास्टरमाइंड तक भी जाएगी।

इधर, CBI सिसोदिया से पूछताछ कर रही है। इससे पहले शराब नीति मामले में रविवार को 8 घंटे की पूछताछ के बाद CBI ने सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था। सोमवार दोपहर करीब ढाई बजे उन्हें दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था। CBI ने कोर्ट से सिसोदिया की 5 दिन की रिमांड मांगी थी ,जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था।

गौरतलब है कि CBI ने दिल्ली की अदालत को बताया था कि सिसोदिया पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। वे हर सवाल का गोलमोल जवाब दे रहे हैं, इसलिए उनकी 5 दिन की रिमांड चाहिए। सिसोदिया के वकील ने इसका विरोध किया था। उनका तर्क था कि एक डिप्टी CM को रिमांड पर भेजने से गलत मैसेज जाएगा। हालांकि, अदालत ने आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार उपमुख्यमत्री मनीष सिसोदिया को पांच दिन की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) में सौप दिया।

 


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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