रांची।
झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक (जेवीएम-पी) के नेता प्रदीप यादव को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की वजह से प्रदीप को पार्टी की प्राथमिकता सदस्यता और सभी पदों से मुक्त कर दिया गया है। यादव के निष्कासन के बाद उनके कांग्रेस मे शामिल होने की अटकलें तेज हो चली है।
दरअसल, बीते दिनों 30 जनवरी, 2020 को जेवीएम-पी के विधायक प्रदीप यादव ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को देश का नेता बताया था । वही बीते कई दिनों से उनकी कांग्रेस से भी लगातार नजदीकियां बढ़ती देखी जा रही है। इसी के चलते 4 फरवरी को पार्टी सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने प्रदीप यादव से 48 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण मांगा था। प्रदीप यादव ने इसका कोई जवाब नहीं दिया और कहा कि उन्हें किसी प्रकार का कारण बताओ नोटिस नहीं मिला है।प्रदीप यादव के इस बयान को जेवीएम-पी के प्रधान महासचिव अभय सिंह ने 5 फरवरी को खारिज कर दिया था और कहा कि ये सरासर गलत है
और फिर इसके बाद निष्कासन की कार्रवाई की गई।
क्या लिखा था पत्र में
जेवीएम के केंद्रीय प्रधान महासचिव अभय सिंह की ओर से जारी नोटिस में कहा गया था कि पिछले कुछ दिनों से पार्टी के खिलाफ विभिन्न समाचार पत्रों में आपके द्वारा बयान दिया गया है जो पार्टी के अनुशासन के खिलाफ है। यहां तक कि पार्टी अध्यक्ष के खिलाफ भी टिप्पणी आपके द्वारा की गई है। 20 जनवरी को गोड्डा में कांग्रेस के सीएए के खिलाफ आयोजित सभा में आपने पार्टी के निर्देश के बगैर भाग लिया और भाषण भी दिया, जबकि पार्टी स्तर पर सीएए पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। पार्टी के निर्देश के बगैर 23 जनवरी को आप कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं पार्टी के नेता राहुल गांधी से भी मिले हैं जिसमें झारखंड के प्रभारी आरपीएन सिंह भी मौजूद थे। यह सब दर्शाता है कि आप पार्टी के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं और आप कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं। शोकॉज नोटिस में कहा गया था कि पार्टी अध्यक्ष के निर्देश के मुताबिक इस संबंध में अपना स्पष्टीकरण 48 घंटे के अंदर दें अन्यथा पार्टी अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी। बताया जा रहा है कि प्रदीप यादव ने शोकॉज नोटिस का जवाब नहीं दिया, जिसके बाद उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।