नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार बड़े फैसलों से जनता को साधने की कोशिश में है| ऐसे में सरकार ऐसे कई बड़े फैसले ले सकती है जिसको लेकर सालों से मांग की जा रही है | एक फरवरी को पेश होने वाले मोदी सरकार के इस अंतरिम बजट में बड़ी एलान की संभावना है| सरकार नौकरी नौकरीपेशा लोगों को इनकम टैक्स में बड़ी राहत दे सकती है| मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार 5 लाख रुपये की सलाना कमाई करने वाले लोगों को इनकम टैक्स के दायरे से बाहर रखने पर विचार कर रही है| वित्त मंत्रालय से भी साफ संकेत मिले हैं कि सरकार नौकरीपेशा को बड़ी राहत दे सकती है| क्यूंकि यह सरकार का अंतिम बजट है इसलिए इसको लेकर भी कई सवाल है| लेकिन इस बजट में छोटे टैक्सपेयर्स के लिए हुत कुछ होने वाला है| मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार टैक्सपेयर्स को छूट के अलावा और भी राहत दे सकती है| इसमें इनकम टैक्स स्लैब को बदला जा सकता है|
मौजूदा टैक्स स्लैब में फिलहाल 2.5लाख रुपये तक की सालाना आय कर मुक्त है, जबकि 2.5 से 5 लाख रुपये की आय पर 5 प्रतिशत की दर से टैक्स लगता है. इसके बाद 5 से 10 लाख रुपये की आय पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसदी दर से टैक्स देना होता है| राहत के विकल्प के तौर पर इनकम टैक्स का पहले स्लैब का दायरा बढ़ सकता है। पहला स्लैब 2.5 लाख से 5 लाख रुपए के बीच है। दूसरे विकल्प के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ सकता है, अभी 40000 रुपए का सालाना स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है। पहले स्लैब में टैक्स दरें घटाने का विकल्प भी है। सूत्रों के मुताबिक 05 फीसदी, 20 फीसदी, 30 फीसदी के बीच की एक नई दर भी आ सकती है।
स्टील सेक्टर के लिए बजट में क्या होगा खास
स्टील सेक्टर को राहत देने के लिए सरकार बजट में या बाहर क्या कर सकती है इस पर बात करते स्टील सचिव बिनॉय कुमार ने कहा कि स्टील सेक्टर का प्रदर्शन बेहतर है। स्टील की डिमांड भी अच्छी है। सरकार का फोकस घरेलू कंपनियों को बढ़ावा देने पर है। स्टील उत्पादन बढ़ानें के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। ऑटोमोटिव स्टील आयात धीरे-धीरे कम होगा।
ऑयल एंड गैस सेक्टर में सेस घटाने की मांग
ऑयल एंड गैस सेक्टर को ईएंडपी कंपनियों के लिए सेस दरों में कटौती की उम्मीद है। कंपनियों की मांग है कि सेस दरें 20 फीसदी से घटकर 10 फीसदी होनी चाहिए। नैचुरल गैस को जीएसटी में शामिल किया जाए और गाडिय़ों में इस्तेमाल होने वाली सीएनजी पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती हो।
बैंकिंग-फाइनेंस को छूट की उम्मीद
बैंकिंग-फाइनेंस सेक्टर की बात करें तो इस बजट में पीएसयू बैंक रीकैप प्लान का रोडमैप आ सकता है, बैंकों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए कदमों का एलान संभव है। अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए एलान हो सकते हैं। होम लोन पर टैक्स में 80 सी के तहत ज्यादा छूट मिल सकती है और लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के बढ़े हुए टैक्स के टाइमलाइन का एेलान हो सकता है।