Cabinet Meeting: मोदी सरकार की किसानों को सौगात, इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी

Pooja Khodani
Published on -
farmers

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। केन्द्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने खरीफ फसलों पर MSP बढ़ाने के बाद किसानों को एक और बड़ी सौगात दी है। आज बुधवार को  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting) में मोदी सरकार ने खाद पर 14 हजार 775 करोड़ रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी देने के फैसले को मंजूरी मिल गई है। इसमें से 9125 रुपए डीएपी पर सब्सिडी देने के लिए जारी किए गए हैं जबकि 5650 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आवंटन एनपीके फर्टिलाइजर के लिए किया गया है।

सरकारी नौकरी 2021: 10वीं-12वीं के लिए यहां 1388 पदों पर निकली है भर्ती, सैलरी 60 हजार पार

दरअसल,  केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने बैठक की ब्रीफिंग (Modi Cabinet Meeting) करते हुए कहा कि कैबिनेट ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत अब डीएपी खाद पर बाजार कीमत में बढ़ोत्तरी का बोझ केन्द्र सरकार उठाएगी। किसानों को अब पुरानी बाजार कीमत पर ही डीएपी मिलेगा और सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी बाजार कीमत के मुताबिक बढ़ जाएगी।

बैठक (Modi Cabinet Meeting) में केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि यूरिया की कीमत केंद्र सरकार तय करती है, जो फिक्स रहती है और सब्सिडी कम ज्यादा होती रहती है।  अब सरकार ने सब्सिडी घटाने और बढ़ाने का फैसला किया है। इससे किसानों को डीएपी की कीमत बढ़ने पर सब्सिडी भी बढ़ जाएगी और किसानों को खाद तय कीमत पर ही मिलेगी डीएपी की कीमत 2400 रुपये हो गई है, तो सरकार 1200 रुपये सब्सिडी देगी। इससे सरकार को 14,775 करोड़ रुपये का घाटा होगा।

MP Weather Alert: मप्र के इन संभागों में झमाझम के आसार, कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा किकिसानों को 1,200 रुपये प्रति बोरी की पुरानी दर से डीएपी मिलता रहेगा।एक बोरी में 50 किलोग्राम खाद होती है।किसानों को राहत देने के लिए डीएपी उर्वरक की सब्सिडी 500 रुपये प्रति बोरी से बढ़ाकर 1,200 रुपये प्रति बोरी कर दी गई है। इससे सरकारी खजाने पर अतिरिक्त सब्सिडी का बोझ 14,775 करोड़ रुपये का होगा।


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News