Monkey Fever : भारत के कर्नाटक राज्य में इन दिनों मंकी फीवर का कहर जारी है। बता दें कि यह गंभीर बीमारी लोगों की चिंता का विषय बना हुआ है। इस वायरस को क्यासानूर फॉरेस्ट डिजीज (KFD) के नाम से भी जाना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले महीने इस बीमारी से दो लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 49 संदिग्ध मामले सामने आए हैं। जिसे लेकर राज्य सरकार अलर्ट मोड पर है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को सचेत रहने की सलाह दी गई है। साथ ही सोशल डिस्टेंस पालन करने का निर्देश जारी किया गया है। आइए जानतें हैं विस्तार से इसके लक्षण और बचाव के उपाय…
मंकी फीवर के लक्षण
- बुखार
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- उल्टी
- ब्लीडिंग
- हेमरेजिक मेनिफेस्टेशन
- थकान
- लाल आंखें
क्या है मंकी फीवर?
मंकी वायरस यानी केएफडी एक वायरल हेमरेजिक बुखार है, जिसका कारण क्यासानूर फॉरेस्ट डिजीज वायरस होता है। यह वायरस फ्लेविवायरस जीनस का एक मेंबर है। यह अक्सर बंदर, लंगूर और बोनट मकाक के काटने से फैलता है।
इस तरह फैलता है ये वायरस
मंकी फीवर हेमाफिसैलिस जीनस हेमाफिसैलिस स्पिनिगेरा से जुड़े संक्रमित टिक्स के काटने से फैलता है जोकि बंदरों में पाया जाता है। बता दें कि जब ये बंदर जंगली इलाकों से गुजरते हैं, तो वे इस वायरस को अपने साथ अन्य टिक्स में ट्रांसफर करते हैं। इसके बाद इन संक्रमित टिक्स के संपर्क में अन्य जानवर को काटने या संक्रमित जानवरों के खून या टिश्यूज के संपर्क में आने से मनुष्य संक्रमित हो जाते हैं।
ऐसे करें बचाव
- जंगली क्षेत्रों में यात्रा के समय लंबे बाजू वाले कपड़े पहनें।
- DEET युक्त इंसेक्ट रिपेलेंट का इस्तेमाल करें, जो टिक्स के काटने के खतरे को कम देता है।
- बंदरों से सीधे संपर्क में आने से बचें।
- कुछ क्षेत्रों में वैक्सीनेशन की कोशिश की जा रही है, जो कि संक्रमण से बचाव के लिए मददगार होगी।
- यदि आपको मंकी फीवर के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)