Monsoon Updates : इस साल मानसून में होगी देरी, IMD ने जारी किया ये पूर्वानुमान, जानें कब देगा केरल में दस्तक?

इस साल केरल में मानसून की शुरुआत 4 जून को 4 दिनों की देरी के साथ होने की संभावना है, हालांकि पिछले साल मानसून समय से पहले पहुंचा था। दक्षिणी राज्य में मानसून पिछले साल 29 मई, 2021 में 3 जून और 2020 में 1 जून को पहुंचा था।

Monsoon Update : एक तरफ देश के अधिकतर राज्यों में मई में बारिश और आंधी देखने को मिल रही है वही दूसरी तरफ भारतीय मौसम विभाग ने मानसून को लेकर बड़ा अपडेट दिया है। इस साल केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन में थोड़ी देरी होने की संभावना है। मौसम विभाग कार्यालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि इस बार केरल में मानसून 4 जून को दस्तक दे सकता है। वही मध्य प्रदेश में इसके 19 जून को पहुंचने की उम्मीद है। इस साल इंदौर, भोपाल, उज्जैन समेत पश्चिमी मध्य प्रदेश में सामान्य या उससे अधिक(94 से 110%) बारिश होने की संभावना है। जबलपुर, मंडला, बालाघाट समेत पूर्वी मध्य प्रदेश में सामान्य या उससे कम बारिश(90 से 100%) होने की संभावना है।

4 जून को होगी केरल में एंट्री?

भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, इस साल केरल में मानसून की शुरुआत 4 जून को 4 दिनों की देरी के साथ होने की संभावना है, हालांकि पिछले साल मानसून समय से पहले पहुंचा था। दक्षिणी राज्य में मानसून पिछले साल 29 मई, 2021 में 3 जून और 2020 में 1 जून को पहुंचा था। आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य रूप से लगभग 7 दिनों के मानक विचलन के साथ 1 जून को केरल में प्रवेश करता है।निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक देश में मानसून 7 जून को दस्तक देगा और इस साल 94% के साथ सामान्य से कम बारिश होगी। जबकी आईएमडी ने पिछले महीने ही कहा था कि भारत में अल नीनो की स्थिति के बावजूद दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम के दौरान सामान्य बारिश होने की उम्मीद है।

IMD का पूर्वानुमान

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून का आगे बढ़ना केरल के ऊपर मानसून के आरंभ से चिह्नित होता है और यह एक गर्म और शुष्क मौसम से वर्षा के मौसम में रूपांतरण को निरुपित करने वाला एक महत्वपूर्ण संकेत है, जैसे जैसे मानसून उत्तर दिशा में आगे की ओर बढ़ता है, इन क्षेत्रों को चिलचिलाती गर्मी के तापमान से राहत मिलने लगती है।मई के पहले पखवाड़े में हीटवेव की स्थिति पश्चिमी विक्षोभ के कारण कम गंभीर थी, जिससे उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्से प्रभावित हुए। अगला पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पश्चिम भारत में आ रहा है। हरियाणा, दिल्ली एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तर-पूर्वी राजस्थान में धूल भरी हवाएं चल रही हैं। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि एक पश्चिमी विक्षोभ गुजर चुका है और तेज हवाएं चल रही हैं।