नीलांबर कोलकाता का ‘रवि दवे स्मृति सम्मान’ चेतना जालान को एवं ‘निनाद सम्मान’ अपराजिता शर्मा को

कोलकाता, डेस्क रिपोर्ट। देश की जानीमानी साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था नीलांबर द्वारा नाटक के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जाने वाला ‘रवि दवे स्मृति सम्मान’ इस वर्ष देश की चर्चित नाट्यकर्मी , अभिनेत्री एवं नृत्यांगना चेतना जालान को दिया जाएगा। चेतना जालान ने कथक में अपना औपचारिक प्रशिक्षण लखनऊ घराने के प्रसिद्ध गुरु पंडित राम नारायण मिश्र, पंडित बिरजू महाराज और पंडित विजय शंकर से प्राप्त किया है। कथक पर चेतना की महारत और अन्य नृत्य रूपों की उनकी समझ के परिणामस्वरूप वर्ष 1985 और 1987 के दौरान मास्को में अंतर्राष्ट्रीय बैले प्रतियोगिता के लिए जूरी सदस्य के रूप में उनका चयन हुआ। वह वर्ष 1985 से 1987 अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संस्थान, यूनेस्को के लिए नृत्य समिति की उपाध्यक्ष (यह सम्मान पाने वाली पहली भारतीय) चुनी गईं।

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नृत्य की विभिन्न शैलियों को मिलाने में सक्षम एक अभिनव कोरियोग्राफर के साथ-साथ वे एक प्रसिद्ध अभिनेत्री भी हैं, जिन्होंने ‘छपते-छपते ‘, ‘शुतुरमुर्ग’, ‘लहरों के राजहंस’, ‘ एवम इंद्रजीत’, ‘ढोंग’, ‘एक प्याला कॉफ़ी’, ‘जाग उठा रायगढ़’, ‘बिल्ली चली पहन के जूता’, ‘गिद्धाड़े’, ‘सखाराम बाइंडर ‘, ‘गिनी पिग’, ‘सेजुआन की भली औरत’, ‘कुकुरमुत्ते’, ‘और तोता बोला’, ‘हजार चौरासी की माँ’, ‘ अभिज्ञान शाकुंतलम’, ‘आधे-अधूरे’, ‘कन्यादान’, रामकथा रामकहानी’, “सूर्य की अंतिम किरण से पहली किरण तक”, ‘माधवी’, ‘बिखरे बिम्ब’ और ‘ आत्मकथा’ जैसे कई गंभीर नाटकों में अभिनय किया है। इन्होंने सत्यदेव दुबे, बद्री तिवारी, राजेन्द्र नाथ, श्यामानंद जालान, अभिजीत दत्त तथा विनय शर्मा जैसे दिग्गज नाट्य निर्देशकों के साथ काम किया है। साथ ही उन्होंने इतालवी निर्देशक vincenzo cozzi के निर्देशन में “शहजादी तुरनदोत” तथा जर्मन निर्देशक Fritz bennewitz के निर्देशन में “राजा लियर” नामक नाटक में भी अभिनय किया। अपने अभिनय करियर के दौरान वे रोलैंड जोफ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘सिटी ऑफ जॉय’, श्यामानंद जालान द्वारा निर्देशित दूरदर्शन के लिए टेली-फिल्में ‘पगला घोड़ा’ और ‘सखाराम बाइंडर’ और टीवी धारावाहिक ‘कृष्णकांत का वसीयतनामा’ में तथा अपर्णा सेन निर्देशित “घरे बाइरे आज” में भी दिखाई दीं। उनकी ख्याति एक विश्व-प्रतिष्ठित कथक नृत्यांगना और कुशल कथक गुरु के रूप में भी हैं। उनकी नृत्य प्रस्तुति को देश और विदेश में समीक्षकों द्वारा सराहा गया है, और उन्हें एक साल के लिए सैन फ्रांसिस्को में उस्ताद अली अकबर संगीत कॉलेज में नृत्य सिखाने के लिए आमंत्रित किया गया था। 18 दिसंबर को नीलांबर इन्हें ‘रवि दवे सम्मान’ से सम्मानित करेगी।


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Harpreet Kaur