Niti Aayog Meeting: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नीति आयोग की महत्वपूर्ण बैठक से वॉकआउट कर दिया, जिससे राजनीतिक गलियारों में एक नया विवाद उत्पन्न हो गया। ‘विकसित भारत@2047’ थीम पर आयोजित इस बैठक में ममता ने आरोप लगाया कि उन्हें जानबूझकर अपमानित किया गया है और अन्य मुख्यमंत्रियों की तुलना में उन्हें कम समय दिया गया है।
बैठक से पहले का विवाद
दरअसल नीति आयोग की बैठक का उद्देश्य भारत के विकास की योजनाओं पर चर्चा करना था, और इसे ‘विकसित भारत@2047’ की थीम पर आयोजित किया गया था। वहीं कांग्रेस ने इस बैठक का बहिष्कार करने की सलाह दी थी, लेकिन ममता बनर्जी ने इस सलाह को नजरअंदाज करते हुए बैठक में शामिल होने का निर्णय लिया।
ममता बनर्जी के आरोप
वहीं बैठक के दौरान ममता ने आरोप लगाया है कि उनके साथ पक्षपात किया गया है। उन्होंने कहा कि अन्य मुख्यमंत्रियों को 20 मिनट का समय मिला, जबकि उन्हें केवल 5 मिनट दिए गए और इसके बाद उनका माइक भी बंद कर दिया गया। ममता ने मीडिया को बताया कि जब वह पश्चिम बंगाल को मिलने वाले बजट पर बोल रही थीं, उनका माइक अचानक बंद कर दिया गया, जिससे वह नाराज हो गईं और बैठक से बाहर चली गईं। उन्होंने इसे बंगाल ही नहीं, बल्कि सभी क्षेत्रीय दलों का अपमान बताया।
विपक्षी मुख्यमंत्रियों की अनुपस्थिति
दरअसल इस बैठक में कई प्रमुख विपक्षी मुख्यमंत्रियों ने भाग लेने से इंकार कर दिया। कर्नाटक, तेलंगाना, हिमाचल, तमिलनाडु, केरल, और पंजाब के मुख्यमंत्रियों ने बैठक का बहिष्कार किया। केवल ममता बनर्जी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बैठक में भाग लिया। बता दें कि मई 2023 में भी विपक्षी मुख्यमंत्रियों ने नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक का बहिष्कार किया था।
नीतीश कुमार की अनुपस्थिति
गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जो सत्ताधारी गठबंधन के सदस्य हैं, वे भी इस बैठक में शामिल नहीं हुए हैं। दरअसल उनकी अनुपस्थिति की वजह बैठक के मुद्दों से जुड़ी कुछ अन्य वजहों को बताई जा रही है। हालांकि नीतीश कुमार की जगह बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने बैठक में भाग लिया।