Fri, Dec 26, 2025

अब आसानी से असली व नकली दवा की कर सकेंगे पहचान, जानिए सरकार की इस योजना के बारे में

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
Last Updated:
अब आसानी से असली व नकली दवा की कर सकेंगे पहचान, जानिए सरकार की इस योजना के बारे में

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट | इन दिनों बाजार में नकली दवा बेचने वालों की संख्या ज्यादा हो गई है। दवा बेचने वाले दूकानदार गलत दवाई बेचकर लोगों की जान को खतरे में डाल रहे हैं। जिन पर नकेल कसने के लिए केंद्र सरकार सख्त हो गई है। जिसके लिए सरकार ने एक ऐसी योजना तैयार की है जिससे आपको दवाई के असली या नकली होने का पता तुरंत चल जाएगा और यह आपके लिए कितना नुकसान दायक है, इन सभी सवालों का उत्तर भी आपको मिल जाएगा। तो आइए जानते हैं सरकार की इस योजना के बारे में…

यह भी पढ़ें – दुर्गाष्टमी पर मिली पेट्रोल-डीजल में राहत, MP में सस्ता हुआ ईंधन, आज इतनी घट गई कीमत, जानें नए रेट

दरअसल, सरकार की इस योजना के बारे में हम बात कर रहे हैं उस योजना का नाम “ट्रेक एंड ट्रेस” है। जिसे बहुत जल्द केंद्र सरकार हम सबके बीच लाने की तैयारी में है। इसके लिए आपको क्यूआर कोर्ड का इस्तेमाल करना पड़ेगा। इन दिनों क्यूआर कोड का चलन बढ़ गया है। कोरोना महामारी के दौरान लोग इंटरनेट की दुनिया में कुछ ज्यादा ही भरोसा करने लगे हैं और इसी का नतीजा है कि आज हर लोग इसका क्यूआर कोड और बार कोर्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं और इस योजना में आपको क्यूआर कोड के माध्यम से ही दवाओं के असली या नकली होने का ज्ञात होगा। बता दें कि दवा के पैकेजिंग लेवल पर बारकोड या फिर क्यूआर कोड प्रिंट किया जाएगा। जिसे आप स्कैन करके उस दवा की पूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें – World Nature Day : विश्व प्रकृति दिवस पर लें संकल्प ‘अपनी धरती को हरा-भरा बनाएंगे’

पिछले कुछ सालों से नकली दवाओं की बिक्री का मामला दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। जिससे लोगों के जान को खतरा में डाला जा रहा है। लोगों को दवाओं के माध्यम से ड्रग्स दिया जा रहा है। इसी साल जून में केंद्र सरकार ने दवाई कंपनियों को अपने प्राथमिक या द्वितीयक पैकेज लेबल पर बारकोड या क्यूआर कोड चिपकाने के लिए कहा गया था। एक बार सॉफ्टवेयर लागू होने के बाद उपभोक्ता मंत्रालय द्वारा विकसित एक पोर्टल पर यूनिक ID कोड फीड करके दवा के बारे में सही जानकारी हासिल कर सकेगा।

यह भी पढ़ें – Ujjain : महाअष्टमी पर देवी महामाया और महालाया को लगा मदिरा का भोग, हुई नगर पूजा की शुरुआत