कई राज्यों में लागू हुई पुरानी पेंशन योजना, कर्मचारियों-पेंशनर्स को मिलेगा लाभ, RBI की OPS पर महत्वपूर्ण टिप्पणी, दी चेतावनी

Kashish Trivedi
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Old Pension Scheme, RBI on OPS : कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है। वहीं कई राज्यों में इसे लागू करने की तैयारी की जा रही है। कांग्रेस आगामी चुनाव भी पुरानी पेंशन योजना को ध्यान में रखकर लड़ रही है। वहीं दूसरी तरफ केंद्र की बीजेपी सरकार एनपीएस में संशोधन की तैयारी कर रही है। इसके लिए समिति का गठन किया गया है। इसी बीच आरबीआई ने पुरानी पेंशन योजना को लेकर चेतावनी दी है।

पुरानी पेंशन योजना, भविष्य के लिए खतरा ?

दरअसल पुरानी पेंशन योजना कर्मचारी और पेंशन भोगियों के हक में है। रिटायरमेंट के बाद पेंशन भोगियों को पुरानी पेंशन योजना स्थायित्व प्रदान करती है। जिसके कारण से केंद्रीय कर्मचारी सहित राज्य कर्मचारी लगातार पुरानी पेंशन योजना की मांग कर रहे हैं। इसीलिए कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को लागू किया गया है। वहीं अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने चेतावनी जारी करते हुए पुरानी पेंशन योजना को भविष्य के लिए खतरा बताया है।

आरबीआई की चेतावनी

आरबीआई ने चेतावनी दी है कि पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के कारण राज्यों का वित्तीय बोझ बढ़ेगा। राज्य वित्त 2022 23 के बजट का एक अध्ययन शीर्षक वाली एक रिपोर्ट प्रेषित की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय बैंक ने कहा है कि यह कदम “सबनेशनल फिसकल होराइजन” के लिए एक बड़ा जोखिम साबित हो सकता है और संभावित रूप से वर्षों में “नफेंडेड देनदारी” के संचय का कारण बन सकते हैं। आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार राज्य द्वारा पुरानी पेंशन योजना में संभावित वापसी उनके वित्तीय स्थिति के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा हो सकती है और इस निर्णय से होने वाले वित्तीय संसाधन में कोई भी बचत लंबे समय तक नहीं रहेगी।

इन राज्यों में OPS लागू

इस बीच कई राज्य में पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है। छत्तीसगढ़, राजस्थान, हिमाचल, झारखंड और पंजाब में पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया गया जबकि बंगाल में पहले से ही पुरानी पेंशन योजना लागू है।

NPS-OPS अंतर

वहीं भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2004 से पुरानी पेंशन योजना को निरस्त कर दिया गया था। इसकी जगह पर कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना को लागू किया गया था। जिसमें सरकारी कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10% अपने पेंशन के लिए योगदान करते हैं जबकि सरकार की तरफ से 14% राशि योगदान की जाती है।

राष्ट्रीय पेंशन योजना प्रणाली का अनूठा पहलू है। इसमें निजी क्षेत्र को भी शामिल किया गया था जबकि पुरानी पेंशन योजना के तहत रिटायरमेंट कर्मचारियों को मासिक पेंशन के रूप में उनके अंतिम वेतन का 50% उपलब्ध कराया जाता है। इसके साथ ही DA की दरों में वृद्धि के कारण रिटायर होने वाले कर्मचारी की मासिक पेंशन में भी वृद्धि देश की जाती है।

विषेशज्ञों की चेतावनी

बता दें कि इससे पहले विशेषज्ञ द्वारा भी पुरानी पेंशन योजना को लेकर चेतावनी जारी की गई थी। जिसमें कहा गया था कि इससे सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ेगा। वहीं भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सुब्बाराव ने भी पुरानी पेंशन योजना के नकारात्मक प्रभाव पर टिप्पणी की थी। सुब्बाराव ने चेतावनी दी थी कि अगर राज्य सरकार पुरानी पेंशन योजना पर वापस जाने का फैसला करती है तो वह उसे मौजूदा राजस्व पर पड़ेगा। इसके साथ ही स्कूल अस्पताल सड़कों और सिंचाई जैसे विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न होगी।


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