देश में प्याज की बढ़ती कीमतों के चलते आमजन को महंगाई की मार झेलना पड़ रही है। दरअसल त्योहारी सीजन में भी प्याज के दाम आसमान छूते हुए नजर आए। पिछले कुछ समय में प्याज की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो बुधवार को देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव कृषि उत्पाद बाजार समिति (APMC) में प्याज की अधिकतम थोक कीमत 5,656 रुपये प्रति क्विंटल रही। जो की उच्चतम महंगाई को दर्शा रही है।
हालांकि इससे पहले सोमवार यानी 4 नवंबर को प्याज की कीमत 4,770 रुपये प्रति क्विंटल देखी गई थी। वहीं लासलगांव APMC में बुधवार को प्याज की न्यूनतम कीमत 3,951 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज की गई। हालांकि इस बढ़ती कीमत के चलते अब आम लोगों की जेब पर बड़ा असर पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है।
पिछले 5 साल का रिकॉर्ड टूटा
वहीं इस बढ़ती कीमत के चलते प्याज ने अपने पिछले 5 साल के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। दरअसल आखिरी बार 10 दिसंबर 2019 को प्याज की कीमतों ने 5,656 रुपये का आंकड़ा छुआ था। वहीं एक बार थोक भाव प्याज का यह तक पहुंच गया है। बता दें कि प्याज एक जरूरी रसोई सामग्री में से एक है। ऐसे में इसकी बढ़ती कीमतें आमजन को परेशानी में डाल रही है। हालांकि प्याज की बढ़ती कीमतों का कारण अत्यधिक बारिश है। अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में हुई भारी बारिश ने कई जिलों में प्याज की फसलों को नुकसान पहुंचाया है।
कीमत बढ़ने की क्या है वजह?
वहीं बढ़ती कीमतों को लेकर लासलगांव कृषि उत्पाद बाजार समिति अधिकारियों का कहना है कि प्याज की बढ़ती कीमतों का कारण आवक में भारी कमी है। आवक नहीं होने के चलते प्याज के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि वैसे तो आमतौर पर लासलगांव मंडी में रोजाना तकरीबन 15,000 क्विंटल प्याज की आवक रहती है, मगर अब आवक घट गई है और अब यह 3,000 क्विंटल ही रह गई है। ऐसे में आवक में आई कमी के चलते इसके दामों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। वहीं उनका कहना है कि अभी बाजार में नई प्याज की फसल की आवक शुरू नहीं हुई है। जैसे ही नई प्याज बाजार में आएगी इसके दाम उतर जाएंगे।