Old Pension Scheme 2022: अन्य राज्यों की तरह अब हिमाचल प्रदेश में भी पुरानी पेंशन योजना के लागू करने के ऐलान के बाद देशभर में एक बार फिर पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग तेज हो गई है। अब महाराष्ट्र में ओपीएस को लेकर उठ रही मांग के बीच राज्य के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने पुरानी पेंशन लागू करने से इंकार कर दिया है।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने विधान परिषद में कहा कि हर सरकार अपने कर्मचारियों को खुश करना चाहती है लेकिन 1982 की पुरानी पेंशन योजना को लागू करना वर्तमान में संभव नहीं है, महाराष्ट्र पर 6.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है और इसे लागू करने के लिए राज्य सरकार को ब्याज का भुगतान करने के लिए ऋण लेना होगा। अगर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाती है तो इसके बाद राज्य पर 1,10,000 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा। इससे राज्य पर कर्ज बढ़ेगा।
राज्य विधानसभा में एक प्रश्न पूछने पर फडणवीस ने कहा पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं होनी चाहिए। पुरानी पेंशन योजना को 2005 में बंद कर दिया गया था। उन्होंने राज्य के हित में पुरानी पेंशन योजना बंद करने का फैसला लेने के लिए तत्कालीन कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सरकार की प्रशंसा भी की। इस योजना के तहत कर्मचारी को पेंशन के रूप में अंतिम वेतन की 50 प्रतिशत धन राशि दी जाती थी।
डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने विधान पार्षद सुधीर तांबे के एक सवाल के जवाब में कहा कि वर्तमान में राजस्व घाटा बहुत अधिक है और पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को फिर से शुरू करने से प्रति वर्ष 1.10 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा 2004 में लाई गई नई पेंशन योजना के स्थान पर कांग्रेस जैसी पार्टियां ओपीएस को फिर से शुरू करने की मांग कर रही हैं, यह सरकारी कर्मचारियों के लिए अधिक लाभदायक है।
हिमाचल प्रदेश में OPS को हां, मध्यप्रदेश में ना
बता दे कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब और झारखंड में पुरानी पेंशन योजना लागू करने के बाद अब देशभर में इसकी बहाली की मांग उठने लग है। हिमाचल प्रदेश में भी इसे जल्द बहाल करने की तैयारी है।वही मध्य प्रदेश सरकार ने इसे लागू करने से इंकार कर दिया है। हाल ही में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने एमपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में एक सवाल के जवाब में स्पष्ट कर दिया है कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। पुरानी पेंशन को लेकर कोई प्रस्ताव कैबिनेट में नहीं रखा गया है।सरकार तथ्यों का उचित विश्लेषण करके निर्णय लेती है।