पंचायत चुनाव: अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर, आज होगी सुनवाई

Gaurav Sharma
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मप्र पंचायत चुनाव 2022

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में पंचायती राज चुनावों को लेकर सबकी निगाहें शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट पर होंगी। हाई कोर्ट द्वारा त्वरित सुनवाई से इनकार करने के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद विवेक तंखा आज याचिकाकर्ताओं की ओर से इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के सामने पक्ष रखेंगे।

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दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव से चुनी याचिकाओं को हाईकोर्ट भेज दिया था जिसके बाद गुरुवार को याचिकाकर्ताओं में जबलपुर हाईकोर्ट में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के रोटेशन सहित अन्य प्रक्रियाओं में नियमों का पालन ना होने का आरोप लगाते हुए चुनाव प्रक्रिया को गलत बताया था उसे तुरंत रोकने की मांग की थी। हाई कोर्ट इस मामले में अर्जेंट हियरिन्ग की मांग की गई थी। लेकिन हाई कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए 3 जनवरी अगली तारीख तय कर दी। इसके तुरंत बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई जहां पर याचिका को स्वीकार करते हुए शुक्रवार को सुनवाई तय की गई है। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि राज्य सरकार ने 2014 के आरक्षण रोस्टर से चुनाव करवाने के संबंध में आदेश पारित किया है, जो पूरी तरह असंवैधानिक है। 2019 में राज्य सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से नए सिरे से आरक्षण लागू किया था जिसे समाप्त किए बिना दूसरा अध्यादेश लाकर 2022 का पंचायत चुनाव 2014 के ही आरक्षण के आधार पर किया जा रहा है जो सिरे से गलत है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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