Pasan Devi Temple in Nainital: भारत एक ऐसा देश है जो अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थानों के अलावा खूबसूरत प्राकृतिक स्थलों के लिए भी पहचाना जाता है। उत्तराखंड अपनी खूबसूरत वादियों के लिए पहचाना जाता है और इसे देवभूमि भी कहा जाता है क्योंकि यहां पर कई सारे पवित्र स्थल भी मौजूद है।
प्राकृतिक और ऐतिहासिक स्थलों के साथ भारत में हर जगह पर धार्मिक स्थानों का भी बहुत महत्व है। कुछ जगह ऐसी है जो अपने चमत्कारों मान्यताओं के चलते देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में पहचानी जाती है। हर जगह कोई ना कोई एक ऐसा धार्मिक स्थल मौजूद होता है जो रहस्यमय और चमत्कारी तो होता ही है साथ ही इससे जुड़ी कहानियां पर्यटकों को अपनी और आकर्षित भी करती है।
नैनीताल की खूबसूरत पहाड़ियों के बारे में तो आपने सुना ही होगा और बहुत से लोगों ने यहां का दीदार भी किया होगा। इन्हीं प्राकृतिक छटाओं के बीच यहां एक अद्भुत और चमत्कारी मंदिर मौजूद है जो लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है। ये मंदिर अपने अद्भुत चमत्कारों के चलते दूर-दूर तक प्रसिद्ध है।
इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि अगर चर्म रोग से परेशान व्यक्ति यहां पर जाता है तो उसे अपनी सारी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है। इसी के साथ यहां बैठी माता हकलेपन की समस्या भी दूर कर देती हैं। मंदिर के यही चमत्कार लोगों को यहां आने पर बाध्य कर देते हैं क्योंकि सभी जानना चाहते हैं कि आखिरकार ऐसा कैसे हो सकता है।
बहुत प्रसिद्ध है Pasan Devi Temple
देवभूमि उत्तराखंड में मौजूद खूबसूरत हिल स्टेशन नैनीताल हमेशा ही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां पहुंचने पर सैलानियों को अद्भुत और मनोरम प्राकृतिक दृश्य देखने का अनुभव मिलता है। इन्हीं पहाड़ियों पर प्राचीन और अद्भुत देवी मां का मंदिर स्थापित है जो पाषाण देवी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। जानकारी के मुताबिक इस मंदिर का जल बहुत ही पवित्र माना जाता है और यह जिसके भी शरीर पर पड़ जाता है उसे चर्म रोगों से मुक्ति मिल जाती है।
पाषाण देवी मंदिर के चमत्कार
जानकारी और मान्यताओं के मुताबिक केवल पानी के छींटे भर पड़ जाने से जहां व्यक्ति का चर्म रोग दूर हो जाता है वहीं कोई अगर इसका सेवन करें तो उसकी वाणी की समस्या यानी हकलापन भी दूर हो जाता है। मंदिर में रखे हुए इस जल की वजह से ही इस जगह का महत्व बहुत ज्यादा है।
पूजी जाती हैं देवी भगवती
नैनी झील के किनारे पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर में देवी मां भगवती विराजमान है। यहां देवी मां की प्राकृतिक रूप से मूर्ति स्थापित है और ऐसा कहा जाता है कि माता यहां साक्षात रूप से विराजमान है। मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह भी है कि यहां पर आपको माता के नौ रूपों के दर्शन करने को मिलते हैं।
इन बीमारियों से मिलता है छुटकारा
माता के जिन नौ स्वरूपों के यहां दर्शन होते हैं वह पिंडी के रूप में विराजित है। यहां जो भी भक्त अपनी समस्या लेकर पहुंचते हैं उनके लिए पहले जल पिंडी पर छिड़का जाता है उसके बाद लोगों को लगा दिया जाता है जिससे उनकी समस्या का समाधान हो जाता है।
इस जल का इतना ज्यादा महत्व है कि श्रद्धालु दूर दूसरे से लेने के लिए यहां पर पहुंचते हैं। मान्यताओं और लोगों के मुताबिक यहां मिलने वाले जल से त्वचा संबंधित हर रोग दूर हो जाता है। इसके अलावा वाणी की समस्या और हाथ पैरों में सूजन की समस्या भी इस जल से दूर हो जाती है।
हालांकि, यहां पहुंचने वाले भक्तों को हर रोज ये जल नहीं मिल सकता है। इसे हर 10 दिन में तिथि, मुहूर्त और नक्षत्र के साथ निकाला जाता है और इस समय यहां भक्तों की भारी भीड़ देखी जाती है।
ऐसे पहुंचे नैनीताल के इस मंदिर
अगर आप इस चमत्कारी मंदिर के दर्शन करने के लिए जाना चाहते हैं तो सड़क मार्ग से नैनीताल हर राज्य और जिले से जुड़ा हुआ है। आप यहां पहुंचने के लिए बस या टैक्सी का सहारा ले सकते हैं। ये मंदिर नैनीताल तल्लीताल बस स्टैंड से सिर्फ 1 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है आप चाहे तो रिक्शा ले सकते हैं या फिर पैदल भी जाया जा सकता है।
अगर आप रेल यात्रा के जरिए यहां पर पहुंचना चाहते हैं तो यहां का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है जो नैनीताल से 32 किलोमीटर दूर है। यहां से आपको नैनीताल पहुंचने के लिए बस या टैक्सी आराम से मिल जाएगी।
अगर आप हवाई यात्रा के जरिए यहां पर पहुंचना चाहते हैं तो पंतनगर हवाई अड्डा सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है। इसकी दूरी 69 किलोमीटर है जिसे तय करने के लिए आप टैक्सी का सहारा ले सकते हैं।
अगर आप भी छुट्टियों के मौसम में नैनीताल की खूबसूरत वादियों में घूमने का प्लान बना रहे हैं तो यहां के इस प्रसिद्ध धार्मिक स्थल के दर्शन करना बिल्कुल भी ना भूले। यहां जाने के बाद आप जब देवी मां के चमत्कार से भक्तों को ठीक होते हुए देखेंगे तो वाकई में आश्चर्य में पड़ जाएंगे। खूबसूरत मनोरम वादियों के बीच स्थित ये मंदिर बहुत ही सुंदर है।