यात्री कृपया ध्यान दें, 10 मिनट से ज्यादा लेट अपनी रिजर्व बर्थ पर पहुंचे तो हो जाएगी कैंसिल, Indian Railways ने बदले नियम

Atul Saxena
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Indian Railways TTE Handheld Device : भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को बेहतर सुविधा और सेवा देने का दावा करता है, लेकिन कई बार यात्रियों की बढ़ती भीड़ रेलवे की व्यवस्था को ख़राब कर देती हैं, यात्रियों की तुलना में ट्रेन, कोच और बर्थ की कम संख्या परेशानी पैदा करती हैं, लेकिन रेलवे ने अब एक नया नियम बनाया है, माना जा रहा है कि इससे यात्रियों को सुविधा होगी।

रेलवे ने यात्री की बर्थ पर उपस्थिति का समय निर्धारित किया 

दरअसल कई बार यात्री अपने परिवार या फिर दोस्तों के साथ यात्रा करते समय अपनी रिजर्व बर्थ की जगह दूसरी जगह बैठकर ट्रेन में यात्रा करते हैं और उनकी रिजर्व बर्थ पर बिना रिजर्वेशन कराये यात्री बैठकर यात्रा करते हैं, लेकिन अब ऐसा कर पाना संभव नहीं होगा। रेलवे ने अब यात्री की बर्थ पर उपस्थिति का समय निर्धारित कर दिया है।

यात्री को 10 मिनट में पहुंचना होगा रिजर्व बर्थ पर वर्ना हो जाएगी कैंसिल 

रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक ट्रेन में चलने वाले TTE (ट्रेवल टिकट एक्जामिनर) अपने साथ अब एक स्पेशल डिवाइस लेकर चलेंगे जिसका नाम है टीटीई हैंडहेल्ड डिवाइस। नए नियम के मुताबिक अब यात्री को अपनी रिजर्व बर्थ पर 10 मिनट में पहुंचना होगा, टीटीई को अपनी डिवाइस में इतने ही समय में यात्री की उपस्थिति दर्ज करनी होगी, यदि 10 मिनट तक यात्री उसकी रिजर्व बर्थ पर नहीं मिलता तो उस यात्री को ट्रेन में सवार नहीं होना मान लिया जायेगा और अनुपस्थिति दर्ज होते ही ऑटोमेटिक वेटिंग और आरएसी वाले टिकट कन्फर्म हो जायेंगे।

जो बोर्डिंग स्टेशन रिजर्व टिकट में मेंशन, उसी से यात्रा शुरू करनी होगी  

रेलवे बोर्ड द्वारा यात्रियों की सुविधा के लिए बनाये गए इस नियम के तहत 10 मिनट में रिजर्व बर्थ पर उपस्थिति के साथ यात्री को उसी बोर्डिंग स्टेशन से ट्रेन में सवार होना होगा जो उसने टिकट में मेंशन किया है, टीटीई भी यात्री को उसी स्टेशन पर खोजेंगे, यात्री 10 मिनट तक अपने बर्थ पर नहीं मिला तो उसकी सीट का रिजर्वेशन कैंसिल हो जायेगा और वो बिना टिकट हो जायेगा।

अभी तक मैनुअल सिस्टम की व्यवस्था थी 

गौरतलब है कि अभी तक मैनुअल व्यवस्था थी जिसमें टीटीई अपने हाथ में एक चार्ट लेकर आता था और टिकट चैक करता था, यात्री के उसकी बर्थ पर नहीं होने की स्थिति में टीटीई कई बार एक स्टेशन निकलने के बाद अगले स्टेशन तक यात्री की प्रतीक्षा कर लेता था फिर यात्री के मिलते ही उसके नाम के आगे टिक लगा देता था लेकिन अब ये संभव नहीं होगा।

यात्रियों को रखना होगा अब ये ध्यान 

अब यात्रियों को ये ध्यान रखना होगा कि वो अपने रिजर्व टिकट में बताये गए बोर्डिंग स्टेशन पर ट्रेन आने के निर्धारित समय से पहले पहुंचे और उन्हें आवंटित कोच में जो बर्थ मिली है उसपर टीटीई के पहुंचने से पहले बैठ जाएँ जिससे टीटीई उसकी उपस्थिति 10 मिनट के अन्दर हैंडहेल्ड डिवाइस में दर्ज कर दे, यदि कोई यात्री ऐसा नहीं करता है तो उसे बहुत परेशानी उठानी पड़ेगी क्योंकि ऑटोमेटिक डिजिटल सिस्टम के कारण एक बार यात्री की उपस्थिति या अनुपस्थिति दर्ज हो गई तो फिर उसमें संशोधन संभव नहीं होगा।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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