संविधान संशोधन पर मोदी का विपक्ष को जवाब: पीएम के 11 संकल्प और 75 साल की यात्रा पर संसद में उनकी बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत के संकल्प को लेकर अपनी और अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता को भाषण के दौरान कई बार सदन के सामने प्रदर्शित किया। उन्होंने लगातार युवा महिला गरीब और सबका साथ सबका विकास की बात भी कही।

Gaurav Sharma
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  1. ग़रीबी हटाओ का जुमला कांग्रेस की चार पीढ़ियों ने चलाया
  2. जी हां हमने भी संविधान संशोधन किए हैं लेकिन सत्ता स्वार्थ के लिए नहीं, देश हित के लिए, देश की अखंडता के लिए
  3. संविधान को लोगों को डराने का हथियार बना लिया है कांग्रेस ने,बोले मोदी
  4. कांग्रेस ने सत्ता सुख के लिए, सत्ता भूख के लिए, अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए धर्म के आधार पर आरक्षण का खेल खेला है
  5. अनुच्छेद 35A को लागू करने के लिए कांग्रेस ने संसद का गला घोंटा
  6. राजीव गांधी ने वोट बैंक की भावना की खातिर संविधान की भावना को बलि चढ़ा दिया और कट्टरपंथियों के सामने सर झुका दिया
  7. छः दशक में 75 बार संविधान बदला गया
  8. कुविचार, कुरीति और कुनीति कांग्रेस के एक परिवार की परंपरा रही है
  9. संविधान निर्माण के 25 वें वर्ष में संविधान को नौंच लिया गया

भारतीय संविधान के लागू होने के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में इसको लेकर अपनी बात सदन के सामने रखी। अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बार-बार संविधान निर्माताओं को प्रणाम कर इस बात को भी मजबूती के साथ कहा कि वह और उनकी पार्टी हमेशा से ही संविधान के दिखाए रास्ते पर चले हैं और आगे भी चलते रहेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के विभिन्न प्रधानमंत्रियों द्वारा समय-समय पर संविधान में बदलाव करने और संविधान के मूल स्वरूप के साथ छेड़छाड़ करने को संविधान का कत्ल बताया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कांग्रेस चार पीढ़ियों से संविधान को नोचती हुई आ रही है। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी द्वारा किए गए संविधान संशोधनों का भी जिक्र किया।

अपने पूरे भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान को केंद्र में रखते हुए उनकी सरकार द्वारा चालू की गई विभिन्न योजनाएं और विभिन्न संविधान संशोधनों का जिक्र भी किया। इस दौरान उन्होंने बाबा साहब अंबेडकर, केएम मुंशी, सरदार वल्लभभाई पटेल, महात्मा गांधी नरसिम्हा राव, अटल बिहारी वाजपेई का भी जिक्र किया।

आइए इस खबर में वीडियो के माध्यम से देखें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सदन में दिए गए भाषण के कुछ अति महत्वपूर्ण अंग

सुनिए क्या हैं पीएम नरेंद्र मोदी के 11 संकल्प

 

भारत के संतुलित विकास को ध्यान में रखते हुए हमने भेदभाव की भावना को खत्म करते हुए एकता को मजबूत किया है, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर बोले पीएम मोदी 

 

— MP Breaking News (@mpbreakingnews) December 14, 2024

हमने मातृभाषा के माहात्म्य को स्वीकारा है, न्यू एजुकेशन पॉलिसी और क्लासिकल लैंगुएज का उदाहरण दे बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 

 

संविधान निर्माण के 25 वें वर्ष में संविधान को नौंच लिया गया, इमरजेंसी लगाई गई, संवैधानिक व्यवस्थाओं को समाप्त कर दिया गया, संविधान निर्माताओं की तपस्या को मिट्टी में मिलाने की कोशिश की गई, बोले पीएम मोदी “कांग्रेस के माथे का यह पाप कभी धुलने वाला नहीं है” 

 

जब मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते मनाया था संविधान के 60 वर्ष पूरे होने का पर्व, बताया कैसे देशभर को बताया गया था संविधान का महत्व, सुनिए प्रधानमंत्री मोदी को 

 

अच्छा होता दलगत की भावनाओं से उठकर देश हित के लिए संविधान को लेकर चर्चा होती, युवाओं को प्रेरणा मिलती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ली विपक्ष पर चुटकी बोले “कईयों ने अपनी असफताओं का दुख प्रकट किया है”

 

कुविचार, कुरीति और कुनीति कांग्रेस के एक परिवार की परंपरा रही है, हर स्तर पर इस परिवार द्वारा संविधान को चुनौती दी गई है, बोले पीएम मोदी कांग्रेस के इस परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है

 

“अगर संविधान हमारे रास्ते के बीच में आजाए, तो हर हाल में संविधान में परिवर्तन करना चाहिए”

पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को लिखी गई चिट्ठी का जिक्र कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साधा कांग्रेस पर निशाना

 

 

छः दशक में 75 बार संविधान बदला गया, बोले पीएम मोदी, संविधान बदलाव के जिस बीज को जवाहरलाल नेहरू ने बोया उसे खाद पानी देने का काम इंदिरा गांधी ने किया, कहा संविधान संशोधन का ऐसा खून कांग्रेस के मुंह लगा के समय-समय पर वह इसका शिकार करते रहे

 

राजीव गांधी ने वोट बैंक की भावना की खातिर संविधान की भावना को बलि चढ़ा दिया और कट्टरपंथियों के सामने सर झुका दिया, शाहबानो का उदाहरण लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने साधा कांग्रेस पर निशाना

 

ये इनकी मजबूरी है कि वहां जाकर बैठे हैं, 

कांग्रेस द्वारा इमरजेंसी के दौरान जेल में डाले गए राजनेताओं की पार्टियों (विपक्ष) के नेताओं को लेकर पीएम मोदी ने ली चुटकी

 

अनुच्छेद 35A को लागू करने के लिए कांग्रेस ने संसद का गला घोंटा, क्या बोले पीएम नरेंद्र मोदी सुनिए

 

कांग्रेस ने सत्ता सुख के लिए, सत्ता भूख के लिए, अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए धर्म के आधार पर आरक्षण का खेल खेला है, बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह संविधान की भावना के खिलाफ है

 

संविधान को लोगों को डराने का हथियार बना लिया है कांग्रेस ने,बोले मोदी, 

यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर क्या था संविधान निर्माताओं का पक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में बताया, बोले कांग्रेस के लोग संविधान निर्माता और सुप्रीम कोर्ट की भावनाओं का नहीं करते आदर क्योंकि यह उनकी राजनीति को सूट नहीं करता है

 

जी हां हमने भी संविधान संशोधन किए हैं लेकिन सत्ता स्वार्थ के लिए नहीं, देश हित के लिए, देश की अखंडता के लिए, 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया ईडब्ल्यूएस रिजर्वेशन, महिला आरक्षण, ओबीसी कमिशन और धारा 370 का उदाहरण, CAA की भी कही बात

बताया हमने जो संविधान संशोधन किए वह पुरानी गलतियों को ठीक करने के लिए किए, एक उज्जवल भविष्य का रास्ता मजबूत करने के लिए किए

 

ग़रीबी हटाओ का जुमला कांग्रेस की चार पीढ़ियों ने चलाया, इसपर इनकी राजनीतिक रोटियां तो सिखती थी पर कभी गरीब का भला नहीं होता था बोले पीएम नरेंद्र मोदी 

 

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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