Postal ballot: अब घर से 85+ उम्र के बुजुर्ग ही दे सकेंगे वोट, चुनाव आयोग की शिफारिश के बाद सरकार ने किया फैसला, पढ़े खबर

Postal ballot: सरकार ने शुक्रवार (1 मार्च) से चुनाव आयोग की सिफारिश के बाद पोस्टल बैलट से बुजुर्ग मतदाताओं के लिए वोटिंग करने वाले चुनावी नियम में बदलाव कर दिया है। जानकारी के अनुसार अब केवल 85 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग मतदाता ही इसका उपयोग कर सकेंगे यानी 85 वर्ष से नीचे के बुजुर्गों को इसकी सुविधा नहीं दी जाएगी।

Rishabh Namdev
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Postal ballot: दरअसल अभी तक देश में 80 साल से ज्यादा उम्र के लोग इस सुविधा के पात्र हुआ करते थे। लेकिन अब सरकार में इसे चुनाव आयोग की शिफारिश के बाद बदलाव कर कर दिया है। वहीं इसको लेकर कानून मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए बताया कि चुनाव संचालन नियम 1961 में संशोधन किया गया है जिसके तहत 85 की उम्र पार चुके वोटर्स को यह सुविधा मिल सकेगी। जानकारी के मुताबिक अप्रैल-मई 2024 में होने वाले लोकसभा और 4 राज्यों के विधानसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान से कुछ दिन पहले अब यह बदलाव किया गया है।

देश में 100 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के 2.38 लाख मतदाता मौजूद :

9 फरवरी को चुनाव आयोग ने देश के कुल वोटर्स की संख्या का भी खुलासा कर दिया था। इसको लेकर 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के वोटर्स से जुड़ी स्पेशल समरी रिवीजन 2024 रिपोर्ट में चुनाव आयोग का कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव में अब 97 करोड़ लोग वोटिंग करेंगे। दरअसल सूत्रों के अनुसार देश में अब 1.85 करोड़ मतदाताओं की उम्र 80 वर्ष से ज्यादा बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार देश में अभी भी 100 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के 2.38 लाख मतदाता मौजूद है।

चुनाव आयोग की चेतावनी :

दरअसल शुक्रवार के दिन जारी नोटिफिकेशन के साथ चुनाव आयोग ने सभी राजनैतिक पार्टियों को आदर्श आचार संहिता को लेकर भी चेतावनी दी है। इस कड़ी में चुनाव आयोग का कहना है कि आगामी आम चुनाव 2024 में राजनीतिक दलों को सार्वजनिक प्रचार में मर्यादा बनाए रखना चाहिए। इसके साथ ही आयोग का कहना है कि यदि कोई पार्टी या कार्यकर्ता प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आचार संहिता उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

दरअसल चुनाव आयोग ने कहा है की- “पार्टी या प्रत्याशी मतदाताओं से जाति, धर्म या भाषा के नाम पर वोट न मांगें जाने चाहिए। कोई भी पार्टी या कार्यकर्ता भक्त और भगवान के बीच संबंध और उनकी श्रद्धा का मजाक न उड़ाएं इस बात का ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ ही कोई भी पार्टी द्वारा किसी मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा या फिर किसी भी धार्मिक स्थल पर चुनाव प्रचार नहीं किया जाना चाहिए।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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