ISS Mission: आईएसएस मिशन की तैयारी, इस भारतीय एस्ट्रोनॉट की इंटरनेशनल स्पेस सेंटर यात्रा पक्की, बैकअप टीम भी तैयार

ISS Mission: यह खबर भारत के लिए बेहद गर्व का विषय है कि हमारा देश अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में नए मुकाम हासिल कर रहा है। एक भारतीय एस्ट्रोनॉट को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (ISS) भेजने का निर्णय लिया गया है। यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।

Bhawna Choubey
Published on -

ISS Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए बताया है कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए आगामी भारत-अमेरिका मिशन पर भेजा जाएगा। उनके साथ ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर बैकअप पायलट के रूप में होंगे। यह भारत के लिए एक गौरव का क्षण है और यह दिखाता है कि हम अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में कितनी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

क्या है यह मिशन?

इसरो ने अपने एक्सिओम-4 मिशन के तहत अमेरिकी कंपनी एक्सिओम स्पेस इंक के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर जाकर विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोग और प्रौद्योगिकी परीक्षण करेंगे। इस मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष में जीवन और काम करने की स्थितियों को समझना है, साथ ही नई प्रौद्योगिकियों का परीक्षण और वैज्ञानिक अनुसंधान करना भी है। मिशन के दौरान किए गए प्रयोग न केवल भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करेंगे, बल्कि भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों की तैयारी को भी बेहतर बनाएंगे।

इसरो ने क्या कहा?

इसरो ने एक बयान में बताया, “असाइन्ड चालक दल के सदस्यों को बहुपक्षीय चालक दल संचालन पैनल (एमसीओपी) से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर उड़ान भरने के लिए अंतिम मंजूरी प्राप्त होगी। अनुशंसित गगनयात्री अगस्त 2024 के पहले सप्ताह से मिशन के लिए अपना प्रशिक्षण शुरू करेंगे। इसरो ने यह भी बताया कि गगनयात्री आईएसएस पर चयनित वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी प्रदर्शन प्रयोग करेंगे और अंतरिक्ष आउटरीच गतिविधियों में भी भाग लेंगे।”

मिशन गगनयान में शुभांशु शुक्ला भी शामिल

भारत ने अपने पहले मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ के लिए हाल ही में चार एस्ट्रोनॉट्स के नामों की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और शुभांशु शुक्ला को इस ऐतिहासिक मिशन के लिए चुना है। इस मिशन के तहत भारत अंतरिक्ष में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए, 2040 तक चंद्रमा पर मानव भेजने का लक्ष्य निर्धारित कर रहा है।

शुभांशु शुक्ला का परिचय

शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा के बाद नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) से पासआउट किया। 16 जून 2006 को भारतीय वायुसेना (IAF) की फाइटर स्ट्रीम में कमिशन प्राप्त करने के बाद, उन्होंने अपनी पेशेवर यात्रा की शुरुआत की। शुभांशु शुक्ला अब भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं, जो भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को मिलेगा नया आयाम

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने घोषणा की है कि इस मिशन से प्राप्त अनुभव भारतीय मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम को लाभान्वित करेगा और इसरो तथा नासा के बीच मानव अंतरिक्ष उड़ान सहयोग को भी सशक्त बनाएगा। जून 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान, इसरो और नासा ने एक संयुक्त बयान में एक साझा इसरो-नासा मिशन की कल्पना की थी, जो अंतरिक्ष स्टेशन के लिए निर्धारित है।

 

 


About Author
Bhawna Choubey

Bhawna Choubey

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

Other Latest News