महाराष्ट्र में लगा राष्ट्रपति शासन, विधानसभा निलंबित

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मुंबई। महाराष्ट्र में कोई भी दल सरकार नहीं बना पाया, प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग गया है| राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश की थी, जिसकी राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है| इससे पहले लगातार सियासी हालात बदलते रहे, पहले भाजपा और फिर शिवसेना को सरकार बनाने का मौक़ा मिला, इसके बाद बहुमत साबित ना कर पाने पर गेंद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के पाले में आ गई थी। 

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सोमवार रात को एनसीपी को राज्य में सरकार बनाने का न्यौता दिया है। एनसीपी को मंगलवार को बहुमत साबित करना था, लेकिन इसके पहले ही राष्ट्रपति शासन लग गया| शिवसेना के पास 56 सीटें हैं और वह भाजपा के बाद राज्य में दूसरा सबसे बड़ा दल है। इसके बाद एनसीपी के खाते में 54 सीटें हैं। कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं। महाराष्ट्र में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा शिवसेना को वक्त ना दिए जाने के खिलाफ शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है। याचिका में शिवसेना को सरकार बनाने के लिए समर्थन जुटाने समय ना बढ़ाने की शिकायत की गई है। वकील सुनील फर्नांडीज द्वारा यह याचिका दायर की गई।

बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को आए तो बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को स्पष्ट बहुमत था| लेकिन मुख्यमंत्री पद और सरकार में 50-50 फॉर्मूले पर शिवसेना के अड़ जाने के चलते सरकार का गठन नहीं हो सका|  

सुप्रीम कोर्ट पहुंची शिवसेना

राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की खबर के बाद शिवसेना सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है। शिवसेना का कहना है कि राज्यपाल ने सरकार बनाने की समयसीमा बढ़ाने से इनकार कर दिया है। शिवसेना ने अतिरिक्त समय न देने के राज्यपाल के निर्णय को असंवैधानिक, अनुचित और दुर्भावनापूर्ण करार दिया।


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