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Thu, Dec 11, 2025

प्रधानमंत्री मोदी 15 से 18 दिसंबर तक करेंगे तीन देशों की यात्रा, इन मुद्दों पर रहेगा फोकस, जानें क्यों खास है ये दौरा

Written by:Shyam Dwivedi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 से 18 दिसंबर दिसंबर तक तीन देश जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान के महत्वपूर्ण दौरे पर रहेंगे। ये जानकारी भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई।
प्रधानमंत्री मोदी 15 से 18 दिसंबर तक करेंगे तीन देशों की यात्रा, इन मुद्दों पर रहेगा फोकस, जानें क्यों खास है ये दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 से 18 दिसंबर तक तीन देश जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान के महत्वपूर्ण दौरे पर रहेंगे। ये जानकारी भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई। पहले पीएम मोदी जॉर्डन के शाह अब्दुल्लाह द्वितीय बिन अल हुसैन के न्योते पर 15-16 दिसंबर को जॉर्डन जाएंगे। वहां वे शाह अब्दुल्लाह द्वितीय से मुलाकात करेंगे और दोनों देशों के पूरे रिश्तों की समीक्षा करेंगे।

बता दें कि प्रधानमंत्री की ये यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब मध्य पूर्व और अफ्रीका में बदलते राजनीतिक और रणनीतिक समीकरणों के बीच भारत अपने साझेदार देशों के साथ संबंधों को और मजबूत करना चाहता है। यह दौरा तीन महाद्वीपों में भारत की कूटनीतिक मौजूदगी को और प्रभावशाली बनाएगा।

क्यों खास है इथियोपिया का दौरा?

बता दें कि ग्लोबल साउथ की अवधारणा में इथियोपियाई प्रधानमंत्री अबी अहमद ही वह शख्सियत हैं, जो भारत को इसका नेतृत्व करने की सबसे जोरदार वकालत कर रहे हैं। 2024 में उन्होंने पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुए तीसरे वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ में भी हिस्सा लिया था और पिछले साल भी दूसरे वॉइस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट के लीडर्स सेशन के भागीदार बने थे।

भारत इथियोपिया का तीसरा सबसे बड़ा इंवेस्टमेंट पार्टनर और दूसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। करीब 650 भारतीय कंपनियों के पास इथियोपिया में 5 बिलियन डॉलर के निवेश के लाइसेंस हैं, जिनमें से अनुमानित तौर पर करीब 3 बिलियन डॉलर का निवेश किया भी जा चुका है। यह निवेश कृषि, मैन्युफैक्चरिंग से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार और सेवा क्षेत्र तक में किए गए हैं।

महत्वपूर्ण है ओमान का दौरा

जॉर्डन और इथियोपिया के बाद पीएम मोदी ओमान के लिए रवाना होंगे। जहां वे ओमान के सुल्तान हाइथम बिन तारिक के साथ उनकी बैठक में व्यापार, निवेश, ऊर्जा सुरक्षा, रक्षा, समुद्री सहयोग, तकनीक, कृषि, सांस्कृतिक और डायस्पोरा संबंधों की विस्तार से समीक्षा होगी। भारत-ओमान के ऐतिहासिक रिश्ते हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा और आर्थिक साझेदारी में अहम भूमिका निभाते हैं।