12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में SIR (Special Intensive Revision) की प्रक्रिया जारी है। विपक्षी पार्टियां लगातार चुनाव आयोग पर SIR की तारीखों को लेकर सवाल उठा रही थीं। इसके साथ ही आयोग पर अव्यवहारिक समय सीमा लागू करने का आरोप भी लगाया था। लोकसभा और राज्यसभा में भी SIR के मुद्दे को उठाया गया है। इस बीच अब बड़ा अपडेट सामने आया है। चुनाव आयोग ने उत्तरप्रदेश समेत 6 राज्यों की SIR की समय सीमा को बढ़ा दिया है।
इन राज्यों में बढ़ी SIR की समय सीमा
- उत्तरप्रदेश
- तमिलनाडु
- मध्यप्रदेश
- छत्तीसगढ़
- गुजारात
- अंडमान और निकोबार
किस राज्य को मिली कितनी समय सीमा?
अंडमान और निकोबार मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में 18 दिसंबर तक SIR की प्रक्रिया होगी और 23 दिसंबर को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी होगी। वहीं यूपी में 26 दिसंबर तक फॉर्म भरे जाएंगे और 31 दिसंबर को मतदाता सूची का ड्राफ्ट रोल जारी होगा। इसके साथ ही तमिलनाडु और गुजरात में 14 दिसंबर तक फॉर्म भरे जाएंगे और 19 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी होगी।
16 दिसंबर को जारी होगी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट
निर्वाचन आयोग ने बुधवार को कहा कि देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही SIR प्रक्रिया के तहत राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी होने से पहले मृत, स्थानांतरित और अनुपस्थित वोटरों की सूची दी जाएगी। ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 16 दिसंबर को जारी की जाएगी।
बता दें कि ठीक इसी यही तरीका बिहार SIR प्रक्रिया के दौरान भी अपनाया गया था। मतदाता सूची में पारदर्शिता और सुधार लाने के उद्देश्य से, चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि बिहार राज्य की तर्ज पर ही ऐसे अपात्र मतदाताओं की सूची को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) और जिला निर्वाचन अधिकारी की आधिकारिक वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाए।
इससे पहले आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को हर बूथ के हिसाब से अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत या डुप्लीकेट वोटरों की सूची तैयार कर बूथ एजेंटों को देने का निर्देश दिया है। ये वे वोटर हैं जिनसे बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) तीन बार कोशिश के बावजूद संपर्क नहीं कर सके। बिहार में हुई एसआईआर प्रक्रिया के दौरान भी यही तरीका अपनाया गया था।





