राहुल गांधी का अलग अंदाज, अखाड़े में उतरे, ओलंपियन बजरंग पूनिया के साथ किये दो दो हाथ

Atul Saxena
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Rahul Gandhi

Rahul Gandhi in arena with Bajrang Punia : देश की राजनीति के दो सबसे चर्चित चेहरों में से एक राहुल गांधी का आज एक अलग देखने को मिला, आज वे एक अखाड़े में उतर गए जहाँ देश के लिए पहलवान तैयार किये जाते हैं, उन्होंने झज्जर के इस अखाड़े में ओपम्पिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया के साथ दो दो हाथ आजमाए, अखाड़े में पहलवानों से चर्चा के बाद राहुल गांधी में बिना नाम लिए मोदी सरकार पर निशाना भी साधा।

अखाड़े में बजरंग पूनिया के संग राहुल गांधी के दांव पेंच 

राजनीति के अखाड़े में रोज नए नए दांव लगाकर केंद्र की मोदी सरकार को चुनौती दे रहे राहुल गांधी आज अलग अंदाज में दिखाई दिए, वे आज एक अखाड़े में पहुँच गए, उन्होंने वहां पहलवानों के साथ दांव लगाये और उनसे चर्चा की, राहुल ने X पर लिखा – “वर्षों की जी-तोड़ मेहनत, धैर्य एवं अप्रतिम अनुशासन के साथ अपने खून और पसीने से मिट्टी को सींच कर एक खिलाड़ी अपने देश के लिए मेडल लाता है। आज झज्जर के छारा गांव में भाई विरेंद्र आर्य के अखाड़े पहुंच कर ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया समेत अन्य पहलवान भाइयों के साथ चर्चा की। सवाल सिर्फ एक है – अपने अखाड़े की लड़ाई छोड़ अगर इन खिलाड़ियों, भारत की बेटियों को अपने हक और न्याय की लड़ाई सड़कों पर लड़नी पड़े तो कौन अपने बच्चों को यह राह चुनने के लिये प्रोत्साहित करेगा? यह किसान परिवार के निश्छल, सीधे एवं सरल लोग हैं, इन्हें तिरंगे की सेवा करने दीजिए। इन्हें पूरे मान और सम्मान के साथ भारत का सर गौरव से ऊंचा करने दीजिए।

पहलवानों के मुद्दे पर गरमाई है देश की सियासत 

गौरतलब है कि देश में पिछले कुछ समय से पहलवानों का मुद्दा चर्चा में है, भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष भाजपा सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह पर देश की कई बड़ी और पदक विजेता पहलवानों ने यौन शोषण के आरोप लगाये, साक्षी मालिक, विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया सहित कई सीनियर और जूनियर पहलवानों ने धरना प्रदर्शन कर विरोध जताया था, इसके चलते मोदी सरकार की खूब किरकिरी हुई।

साक्षी मलिक का संन्यास, बजरंग ने लौटाया पद्मश्री 

उसके बाद अभी हाल ही में भारतीय कुश्ती संघ के निर्वाचन में अध्यक्ष पर ब्रजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के चयनित हो जाने के बाद साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा कर दी , बजरंग पूनिया ने पद्मश्री लौटा दिया था, इसके बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इन पहलवानों से मुलाकात की थी।

राहुल गांधी ने अखाड़े में उतरकर सरकार को दिया संदेश

इन सब हालातों के बीच राहुल गांधी का अखाड़े में पहुंचना और वहां बजरंग पूनिया के साथ दांव आजमाना ये महज एक इत्तफाक नहीं है बल्कि पहलवानों को एक इशारा है कि कांग्रेस उनके साथ है और केंद्र सरकार को संदेश है कि देश का गौरव बढ़ाने वाले खिलाड़ियों के साथ उनके रवैये को देश की जनता देख रही है और जवाब भी देगी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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