नई दिल्ली | लम्बे समय से सुप्रीम कोर्ट में लंबित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर शुक्रवार को सुनवाई हुई| सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि मामले की अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी| दस जनवरी से पहले इस मामले के लिए नई बेंच का गठन किया जाएगा| सर्वोच्च न्यायालय ने बिनी किसी पक्ष की बात सुने महज 5 सेकंड में इस फैसला सुना दिया। दो जजों के बेंच ने शुक्रवार को कहा कि 10 जनवरी तक तीन जजों की बेंच बनेगी। लेकिन इसमें कौन जज होंगे उनके नाम सामने नहीं आए हैं।
सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को दस बजकर 40 मिनट पर सुनवाई शुरू हुई| मंदिर मामले के लिए जिस नई बेंच का गठन किया जाएगा वही तय करेगी कि इस पर रोजाना सुनवाई हो या नहीं। तीन जजों की बेंच में जजों का नाम 7-8 जनवरी को सामने आएंगे और यह बेंच तय करेगी कि मामले में सुनवाई कैसे और किस दिशा में होगी। अयोध्या विवाद पर सुनवाई 10 जनवरी तक टल गई। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजय किशन कौल की बेंच से इस मामले में जल्द सुनवाई करने की मांग भी की गई थी। इसी बेंच का यह केस नई बेंच के पास भेजने पर भी फैसला करना था।
यह था इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला
हाई कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने 30 सितंबर, 2010 को 2:1 के बहुमत वाले फैसले में कहा था कि 2.77 एकड़ जमीन को तीनों पक्षों- सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला में बराबर-बराबर बांट दिया जाए. इस फैसले को किसी भी पक्ष ने नहीं माना और उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई 2011 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस फैसले पर रोक लगा दी थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट में ये केस बीते 8 साल से है।