IPS success story : इंजीनियरिंग के बाद की UPSC की तैयारी, बिना कोचिंग दूसरे प्रयास में बनी IPS, सोशल मीडिया पर है लाखों फॉलोअर्स, लुक भी है बेहद स्टाइलिश

Pooja Khodani
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IPS Anshika Verma success story : लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षा होती है, इसके लिए हर साल लाखों युवा आवेदन देते हैं, हालांकि हजारों ही अपनी कड़ी मेहनत और लगन से इसमें सफल हो पाते है। UPSC परीक्षा को पास करने के बाद रैंक के अनुसार उम्मीदवारों को आईएएस (IAS), आईपीएस (IPS), आईईएस (IES) या आईएफएस (IFS) जैसे अधिकारी के रूप में चुना जाता है, लेकिन इन सब पदों में से सबसे ज्यादा IAS और IPS के पद की चर्चा रहती है।  आज हम आपके लिए यूपी की आईपीएस अंशिका वर्मा की सफलता की कहानी बताने जा रहे है, जिन्होंने इंजीनियर के बाद यूपीएससी की तैयारी की और दूसरी प्रयास में सिविल सेवक बनकर एक मिसाल कायम की।

जानिए आईपीएस Anshika Verma की सफलता की कहानी

  • आईपीएस अंशिका वर्मा उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की रहने वाली हैं।
  • पिता उत्तर प्रदेश विद्युत निगम लिमिटेड (यूपीईएल) से सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं और मां एक गृहिणी हैं।
  • अंशिका ने अपनी प्राथमिक शिक्षा नोएडा में की। इसके बाद 2014 से 2018 तक गलगोटिया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, नोएडा से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री ली।
  • अंशिका ने 2020 में बिना किसी कोचिंग के दूसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की थी, उनका प्रयास स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के ठीक एक साल बाद 2019 में था, लेकिन वो सफल नहीं हो पाई।

 

IPS success story : इंजीनियरिंग के बाद की UPSC की तैयारी, बिना कोचिंग दूसरे प्रयास में बनी IPS, सोशल मीडिया पर है लाखों फॉलोअर्स, लुक भी है बेहद स्टाइलिश

  • अंशिका ने अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी सीएसई परीक्षा में 136 रैंक हासिल की, यह सब बिना किसी कोचिंग के हासिल किया। इस दौरान मां-पिता के सपोर्ट ने अंशिका के सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • अंशिका वर्मा ने तय कर लिया था कि उन्हें सिविल सेवा को पास कर अधिकारी बनना है। इसके बाद साल 2021 की प्रीलिम्स और मेंस परीक्षा में उन्होंने सफलता हासिल की और इंटरव्यू में जगह बनाई।

IPS ANSHIKA

  • इसके बाद उनका चयन IPS के रूप में हुआ। अंशिका वर्मा को आईपीएस की सेवा मिलने पर उन्हें होम कैडर ही दिया गया है।सोशल मीडिया पर अंशिका वर्मा के लाखों फॉलोअर्स हैं। इंस्टाग्राम पर अंशिका डेढ़ लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।
  • अंशिका वर्मा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। अंशिका अपने पोस्ट से दूसरे को काफी प्रेरित करती हैं। उनके फॉलोअर्स को उनके हर एक पोस्ट काफी पसंद आते हैं।

जानिए एक IPS अफसर को कितनी मिलती है सैलरी

  1. एक आईपीएस ऑफिसर की बेसिक सैलरी 56,100 रुपये से शुरू होती है, इसमें 8 साल कै अनुभव होने पर 1 हर महीने 1,31,000 रुपये तक की सैलरी होती है।
  2. आईपीएस को राज्य पुलिस में काम करने के के अलावा केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाले विभिन्न सुरक्षा बलों में काम करने का मौका मिलता है।
  3. एक आईजी यानी इंस्पेक्टर जनरल की सैलरी 143000 रुपये होती है। डीजीपी को प्रति माह 225000 रुपये सैलरी मिलती है, आईपीएस अधिकारियों को सैलरी के साथ कई प्रकार के भत्ते भी मिलते हैं।
  4. IPS की सैलरी 7 वें वेतन आयोग के मुताबिक होती है, और सैलरी डिवीजन, उपखंड या सेवाओं के आधार पर अलग अलग होती है।
  5. डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस- इस पद पर IPS अधिकारी को 56 हजार 100 रुपये सैलरी मिलती है। एडिशनल सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस- 67 हजार 700 रुपये, सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस- 78 हजार 800 रुपये और सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस- 1 लाख 18 हजार 500 रुपये,महीना सैलरी।
  6. डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस- 1 लाख 31 हजार 100 रुपये,इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस- इस पद पर 1 लाख 44 हजार 200,एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस- 2 लाख 5 हजार 400 रुपये महीना सैलरी और डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस- मासिक सैलरी 2 लाख 25 हजार रुपये महीना सैलरी होती है।
  7. पोस्ट के हिसाब से सुरक्षा गार्ड, ड्राइवर और हाउस हेल्पर भी दिए जाते हैं।पद के मुताबिक ही मेडिकल ट्रीटमेंट, टेलीफोन और बिजली बिल के लिए भी पैसे मिलते हैं।रिटायरमेंट के बाद आजीवन पेंशन भी मिलती है। एक सरकारी गाड़ी और आलीशन बंगला मिलता है।  बच्चों को पढ़ाने के लिए एनुअल एजुकेशन अलाउंस मिलता है।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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