नई दिल्ली। सामान्य तबके के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए सरकारी नौकरियों में 10 फीसद आरक्षण का विधेयक मंगलवार को लोकसभा से पारित हो गया। बिल के पक्ष में 323 वोट पड़े, जबकि, विरोध में महज 3 वोट पड़े. इस तरह से जरूरी दो तिहाई से ज्यादा वोट से इस बिल को सरकार ने लोकसभा से पारित करा लिया| राज्यसभा में अब अगली परीक्षा होगी| बुधवार को अगर राज्यसभा से भी यह संविधान संशोधन पारित हो जाता है तो बिना विलंब आरक्षण का रास्ता साफ हो जाएगा।
इसके बाद शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश और सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। यह लाभ केवल हिंदू ही नहीं, बल्कि मुस्लिम, ईसाई और अन्य समुदायों को भी मिलेगा। मौजूदा सत्र के आखिरी दिन लोकसभा से बिल पास होने के बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई| लेकिन, अब सरकार की असली परीक्षा राज्यसभा के भीतर होनी है. इस बिल को पास कराने के लिए ही राज्यसभा की कार्यवाही को एक दिन के लिए और बढ़ाया गया है| सरकार को उम्मीद है कि यह बिल राज्यसभा में भी पास हो जाएगा|
इससे पहले लोकसभा में बिल पास होने से पहले देश भर में जमकर राजनीति हुई| आगामी लोकसभा चुनाव के चलते किसी भी राजनीतिक दल ने इस बिल का विरोध तो नहीं किया| लेकिन राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और छींटाकशी तेज रही। विपक्षी दलों की ओर से इसे राजनीतिक कदम और चुनावी जुमला करार दिया गया। तो सरकार की ओर से कांग्रेस को याद दिलाया गया कि उसने अब तक जो कुछ किया था वह जुमला था क्योंकि ईमानदार और संविधान सम्मत प्रयास नहीं किया गया था। राज्यसभा के भीतर सरकार के पास बहुमत नहीं है. लेकिन, सरकार को उम्मीद है कि कांग्रेस समेत दूसरे विरोधी दल भी इस मुद्दे पर सरकार का साथ देंगे और इस बिल का विरोध करने का साहस नहीं जुटा पाएंगे|