नई दिल्ली/भोपाल।
देश भर में कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद अब पार्टी के बड़े नेताओं ने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने इस्ताफे देना शुरू कर दिए हैं। इसकी शुूरूआत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश के साथ की थी। लेकिन कांग्रेस की कार्यसमिति ने उनके इस्तीफे की पेशकश को अस्वीकार्य कर दिया। वहीं, अन्य प्रदेशों से भी अब इस्तीफों की खबरें आ रही हैं।
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ को लेकर अफवाह उठी थी कि वह अपने पद से इस्तीफे देना चाहते हैं। बाद में पार्टी ने इसे महज अफवार बताया। हालांकि, उनके प्रदेश अध्यक्ष के पद को लेकर अभी भी संशय बरकरार है। और कमलनाथ स्वयं भी कह चुके हैं कि वह एक साथ दो जिम्मेदारी नहीं संभालना चाहते हैं। इसलिए प्रदेश अध्यक्ष का पद वह कभी भी छोड़ने को तैयार हैं। प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर आलाकमान फैसला लेगा।
इन राज्योंं से भी उठी इस्तीफे की मांग
कांग्रेस का जिन प्रदेशों में खाता भी नहीं खुला उन राज्यों के नेताओं ने अब इस्तीफा देना शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, झारखंड, ओडिशा के प्रमुख नेताओं ने इस्तीफा पार्टी नेतृत्व को भेजा है। लेकिन फिलहाल इन सबके इस्तीफे स्वीकार नहीं किए गए हैं। उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया के ताकत झोंकने के बाद भी पार्टी का अब तक का सबसे बुरा प्रदर्शन रहा है। यहां सिर्फ सोनिया गांधी को ही जीत मिली। जबकि राहुल गांधी अमेठी से अपनी पारंपरिक सीट गवां बैठे।
इन नेताओं ने दिया इस्तीफा
कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में सिर्फ रायबरेली की सीट ही जीती है। यहां से सोनिया गांधी ने चुनाव लड़ा था। राजबब्बर के अलावा कर्नाटक कांग्रेस के अभियान प्रमुख एच के पाटिल ने भी अपना इस्तीफा आलाकमान को भेज दिया है। इससे पहले ओडिशा कांग्रेस प्रमुख निरंजन पटनायक ने भी इस्तीफा दे दिया था। पांजाब से भी कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़, पूर्व आईपीएस अधिकारी और झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार, महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कर्नाटक कांग्रेस कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष एच के पाटिल, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ समेत कई छोटे-बड़े नेताओं ने इस्तीफा दिया है, हालांकि अभी तक किसी का भी इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है।