नई दिल्ली।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले का स्वागत किया है।भागवत ने कहा है कि हम सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हैं। यह मामला दशकों से चल रहा था और यह सही निष्कर्ष पर पहुंच गया है। इसे जीत या हानि के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। हम समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए सभी के प्रयासों का भी स्वागत करते हैं।जैसा कोर्ट का निर्णय स्पष्ट था, वैसा ही मेरा बयान भी साफ है।
फैसले के बाद भागवत दिल्ली में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे है। भागवत ने कहा कि कोर्ट ने मस्जिद निर्माण के लिए जो बात कही है, वह जमीन सरकार को देनी है, सरकार इस बात को तय करेगी कि उनको जमीन कहां देनी है।दशकों तक चली कानूनी लड़ाई का फैसला आ गया है। पुरानी बातों को भुलाकर मिलजुल कर मंदिर निर्माण कराया जाए।अब हम सभी मिलकर राम मंदिर बनाएंगे।
भागवत ने कहा कि अदालत ने मस्जिद निर्माण को लेकर जो बात कही है, वह जमीन सरकार को देनी है। सरकार इस बात को तय करेगी कि उसे कहां जमीन देनी है। जिस तरह अदालत का फैसला स्पष्ट है। वैसे ही मेरा बयान भी साफ है।
मस्जिद को अयोध्या में ही बनाए जाने के सवाल पर संघ प्रमुख ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अभी और अध्ययन करेंगे। साथ ही उन्होंने जोड़ा कि मस्जिद की जमीन सरकार तय करेगी संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मस्जिद की जमीन को लेकर विवाद के सवाल पर भी कहा कि इसका हल सरकार करे।