Deepfake Regulations: डीपफेक जिससे भारत समेत अमेरिका भी परेशान हो चुका है। उसी डीपफेक पर नकेल कसने के लिए सरकार ने तैयारी पूरी कर ली है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि सरकार ने डिजिटल मंचों से लोकतंत्र को खतरा पहुंचाने वाली भ्रामक सूचनाओं पर लगाम लगाने के लिए तकनीकी और व्यावसायिक प्रक्रिया समाधान मुहैया कराने को कहा है।
समाज के लिए है खतरनाक
अश्विनी वैष्णव ने डीपफेक को गंभीर मुद्दा बताते हुए इसे समाज के लिए खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि हम डिजिटल प्लेटफॉर्म के साथ इस पर चर्चा कर रहे हैं। सरकार ने अपने संदेशों के माध्यम से सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले डीपफेक और गलत सूचनाओं के प्रति कठोर रवैयै भी दिखाया है। वैष्णव ने कहा कि भ्रामक सूचना समाज, लोकतंत्र, चुनावी प्रक्रिया के लिए हानिकारक हो सकती है। यह हमारे भविष्य और समाज को बुरी तरह से प्रभावित कर रही है।
चुनाव का बाद आएगा कानून
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ग्लोबल एक्सपर्ट ने चेतावनी दी है कि एआई-जनित धोखे चुनावी प्रक्रियाओं को कमजोर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि एआई की तरफ से प्रसारित गलत सूचना और दुष्प्रचार वैश्विक जोखिम पैदा कर सकता है। खासकर प्रमुख देशों में होने वाले चुनावों के समय। इस साल दुनिया भर के लगभग 60 देशों और क्षेत्रों में चुनाव होने हैं। जिनमें दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत और अमेरिका भी शामिल हैं।
क्या है डीपफेक
आसान भाषा में कहें तो डीपफेक एक एडिटेड वीडियो है। इसमें किसी और के चेहरे को किसी अन्य के चेहरे से बदल दिया जाता है। डीपफेक के ये वीडियोज इतने सही होते हैं कि आप इन्हें पहचान ही नहीं सकते कि ये नकली हैं। डीपफेक वीडियो बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद ली जाती है। अभी कुछ दिनों पहले ही भारत में ऐसे कई वीडियो सामने आएं है। जिसके बाद ये अमेरिका में भी पहुंच गया।