सचिन पायलट और सारा हुए अलग, चुनावी एफिडेविट से हुआ खुलासा, 19 साल पहले हुई थी शादी

Shashank Baranwal
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Sachin Pilot Divorce

Sachin Pilot Divorce: राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और उनकी पत्नी सारा के रास्ते अब अलग हो चुके हैं। सचिन और सारा के बीच तलाक हो चुका है। इस बात का खुलासा उस वक्त हुआ जब सचिन पायलट द्वारा चुनाव आयोग को एफिडेविट दिया गया। बता दें 31 अक्टूबर को उन्होंने टोंक विधानसभा सीट से नामांकन पर्चा दाखिल किया था। जहां उन्होंने अपने परिवार के साथ संपत्ति का ब्यौरा दिया। इस दौरान उन्होंने नामांकन पर्चे में पत्नी के नाम के आगे तलाकशुदा लिखा। हालांकि इस बात की जानकारी अभी सामने नहीं आई है कि उनका तलाक कब हुआ।

पिछले विधानसभा चुनाव के एफिडेविट में लिखे थे पत्नी का नाम

आपको बता दें सचिन पायलट ने 2018 विधानसभा में पत्नी के नाम के आगे सारा पायलट लिखा था। लेकिन इस बार उन्होंने तलाकशुदा लिखा है। वहीं सचिन पायलट के दोनों बच्चे आरन पायलट और विहान पायलट उन्हीं के पास हैं। उन्होंने डिपेंडेंट के तौर पर दोनों बच्चों का नाम लिखा है।

2014 में अलग होने की थी चर्चा

गौरतलब है कि सारा जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अबदुल्ला की बेटी और उमर अबदुल्ला की बहन हैं। साल 2014 में सचिन पायलट और सारा के अलग होने की खूब चर्चा हो रही थी। बहरहाल उस वक्त उन्होंने इस चर्चा को अफवाह बताकर नकार दिया था। आपको बता दें साल 2018 राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने पर उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया गया था। इस दौरान उनके शपथ ग्रहण समारोह कार्यक्रम में फारूक अबदुल्ला शामिल हुए थे।

अमेरिका में हुई पहली मुलाकात

सचिन पायलट और सारा की मुलाकात पहली बार अमेरिका में हुई थी। सचिन पायलट ने अपनी पढ़ाई के सिलसिले में अमेरिका की पेंसिलवेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल में एमबीए करने गए थे। जहां उनकी मुलाकात सारा पायलट से हुई। जहां दोनों के बीच दोस्ती हो गई थी।

2004 में हुई थी सचिन पायलट और सारा की शादी

आपको बता दें सचिन पायलट और सारा की शादी साल 19 साल पहले 2004 में हुई थी। इस शादी को लेकर फारूक अबदुल्ला की राजी नहीं थे। जिसके कारण शादी में सिर्फ सचिन पायलट का ही परिवार मौजूद रहा। गौरतलब है कि साल 2009 में सचिन पायलट 26 साल की उम्र में अजमेर से सांसद चुने गए। जिसके बाद फारूक अबदुल्ला समेत पूरे परिवार ने सचिन पायलट को दामाद के रूप में अपना लिया था।

 

 


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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