सलमान खान के घर गोली चलाने के मामले के एक आरोपी ने पुलिस कस्टडी में की आत्महत्या

सलमान खान के घर के बाहर की गई फायरिंग के मामले में पुलिस ने विक्की गुप्ता और सागर पाल के अलावा सोनू कुमार चंदर बिश्नोई और अनुज थापन को आरोपी बनाया है, ये सभी 21 से 37 साल की उम्र के बीच के हैं। पुलिस ने विक्की और सागर को गुजरात के कच्छ से गिरफ्तार किया था जबकि अनुज थापन और सोनू कुमार चंदर बिश्नोई को पंजाब से गिरफ्तार किया था।

Atul Saxena
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Salman Khan House firing case : फिल्म अभिनेता सलमान खान के घर पर गोली चलाने के मामले में एक बड़ी खबर सामने आ रही है, गोली चलाने के केस में गिरफ्तार आरोपियों में से एक आरोपी अनुज थापन ने पुलिस कस्टडी में आत्महत्या कर ली, वो इस समय मुंबई क्राइम ब्रांच की कस्टडी में था, सूत्रों के मुताबिक अनुज में जमीन पर बिछाने वाली किसी चीज से फांसी लगाई, हालत बिगड़ने पर उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसमें दम तोड़ दिया।

पुलिस कस्टडी में लगाई फांसी, अस्पताल में तोडा दम 

फायरिंग मामले में मुंबई पुलिस जांच में जुटी है आरोपियों से पूछताछ जारी है। इस बीच आज एक खबर आई कि मुंबई क्राइम ब्रांच की कस्टडी में बंद एक आरोपी अनुज थापन ने फांसी लगा ली, फांसी लगते ही पुलिस के हाथ पैर फूल गए, पुलिस उसे सेंट जॉर्ज अस्पताल लेकर भागी लेकिन वहां डॉक्टर्स ने उसका इलाज किया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।

14 अप्रैल को सलमान खान के गैलेक्सी अपार्टमेंट पर हुई थी फायरिंग 

गौरतलब है कि सलमान खान के मुंबई स्थित घर गैलेक्सी अपार्टमेंट पर 14 अप्रैल को कुछ बदमाशों ने गोलियां चलाई थी जिसकी जाँच पुलिस कर रही है, इसमें मामले में पुलिस अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, घटना में इंटरनेश्नल गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई गिरोह का नाम सामने आया है।

मुंबई पुलिस दो आरोपी को गुजरात से औ रदों को पंजाब से कर चुकी गिरफ्तार  

आपको बता दें कि सलमान खान के घर के बाहर की गई फायरिंग के मामले में पुलिस ने विक्की गुप्ता और सागर पाल के अलावा सोनू कुमार चंदर विश्नोई और अनुज थापन को आरोपी बनाया है, ये सभी 21 से 37 साल की उम्र के बीच के हैं। पुलिस ने विक्की और सागर को गुजरात के कच्छ से गिरफ्तार किया था जबकि अनुज थापन और सोनू कुमार चंदर विश्नोई  को पंजाब से गिरफ्तार किया था।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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