सऊदी अरब द्वारा भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मिस्र, इंडोनेशिया, इराक, नाइजीरिया, जॉर्डन, अल्जीरिया समेत 14 देशों पर वीजा जारी करने पर बैन लगाया गया है, हालांकि यह बैन अस्थायी रूप से लगाया गया है। ऐसे में भारत समेत इन देशों से मक्का की तीर्थ यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। दरअसल, यह बैन हज यात्रा के समापन के साथ ही खत्म होगा। इस बड़े निर्णय की जानकारी पाकिस्तान के आर्य ने सऊदी अधिकारियों के हवाले से साझा की।
उमरा, बिजनेस और फैमिली विजिट के लिए मिलने वाले वीजा पर जून महीने के मध्य तक यह बैन रह सकता है। वहीं, सऊदी अधिकारियों का कहना है कि जिनके पास उमरा वीजा है, वे 13 अप्रैल तक सऊदी अरब पहुंच सकते हैं। जानकारी दे दें कि हज यात्रा 4 जून से 9 जून तक रहने वाली है।

बैन लगाने की यह है सबसे बड़ी वजह
भारत की मानें तो नए नियमों का पालन करने के लिए यात्रियों से गुजारिश की गई है और अगर किसी द्वारा इन नियमों का उल्लंघन किया जाता है, तो अगले 5 साल तक सऊदी अरब में उसकी एंट्री बंद कर दी जाएगी। अगर इस कदम पर नजर डालें कि आखिर वीजा पर पाबंदी क्यों लगाई गई है, तो इसका सबसे पहला कारण गैरकानूनी रूप से हज करने वालों को रोकना है। रिपोर्ट के मुताबिक, कई विदेशी नागरिक उमरा या विजिट वीजा पर सऊदी अरब पहुंचते हैं लेकिन वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी वह काफी समय तक सऊदी अरब में रुकते हैं और बिना रजिस्ट्रेशन के ही हज यात्रा में हिस्सा लेते हैं। ऐसे में इसे देखते हुए सऊदी सरकार की ओर से यह बड़ा फैसला लिया गया है। जब बिना रजिस्ट्रेशन के ही लोग हज यात्रा पर निकलते हैं तो भीड़ बढ़ जाती है और इस भीड़ का नियंत्रण अधिकारियों के लिए मुश्किल हो जाता है।
इन दो कारणों का भी प्रभाव पड़ा
इसके अलावा कुछ और वजहें भी हैं। दरअसल, कई विदेशी नागरिक सऊदी अरब में गैरकानूनी तौर पर भी काम कर रहे हैं। इन अवैध कामकाज को रोकने के लिए भी सऊदी सरकार की ओर से यह निर्णय लिया गया है। दरअसल, विदेशी नागरिक व्यापार और पारिवारिक वीजा का इस्तेमाल कर गैरकानूनी कार्य करते हैं। ऐसे में इन नियमों का उल्लंघन न हो, इसके लिए भी यह निर्णय लिया गया है। साथ ही 2024 में हज यात्रा के दौरान हुई 1200 से अधिक लोगों की मौत भी इसका कारण है। 2024 में 14 जून से 29 जून तक हज यात्रा रखी गई थी, जिसमें अत्यधिक भीड़ और गर्मी के कारण 1200 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी, जिनमें 98 भारतीय भी शामिल थे। ऐसे में इसे देखते हुए भी सऊदी अरब की ओर से यह निर्णय लिया गया है।