Sedition Law : देश के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राजद्रोह कानून को खत्म करने का ऐलान किया है। जिसे लेकर आज लोकसभा में सरकार की तरफ से प्रस्ताव भी पेश कर दिया गया है। विपक्षी पार्टियां कई दशकों से इस कानून को खत्म करने की मांग करती चली आ रही है जिसको लेकर कई बार विवाद भी हो चुका है। दरअसल, मानसून सत्र के आखिरी दिन अमित शाह ने तीन विधेयक पेश किए जिनमें भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023, भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक शामिल हैं।
सभी को मिलेगा पूर्ण न्याय- अमित शाह
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आज मैं तीन विधेयक लेकर आया हूं जो कि क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को सुधारने वाले हैं। नए कानून के तहत अब सभी को न्याय मिलेगा। इस दौरान गृहमंत्री ने कहा कि पिछले 15 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटिश शासन की सारी निशानियों को खत्म करने का प्रण लिया था, जिसपर अमल किया गया है क्योंकि राजद्रोह कानून का उद्देश्य न्याय देना नहीं बल्कि सजा देना था ताकि अंग्रेजी शासन मजबूत हो सके। इसलिए इंडियन पीनल कोड (IPC), क्रिमिनल प्रोसिजर कोड (CrPC) और इंडियन एविडेंस एक्ट को खत्म करने का प्रस्ताव लाया गया है। अमित शाह ने आगे कहा कि इन तीनों कानून को स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाएगा जिसे लेकर 4 सालों तक विचार-विमर्श कर अब तक 158 बैठकें की गई हैं।
भारतीय न्याय संहिता बिल, भारतीय साक्ष्य बिल और भारतीय नागरिक सुरक्षा बिल में किए गए बदलाव से देश के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम का overhaul होगा और पीड़ितों को अधिक से अधिक 3 साल के अंदर पूर्ण न्याय मिल सकेगा। pic.twitter.com/UNvY6OcvFn
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) August 11, 2023
महिलाओं के प्रति अपराध को रोकने के लिए बनाया नया कानून
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध को रोकने के लिए नया कानून बनाया गया है जिसके तहत शादी, रोजगार, पदोन्नती के झूठे वादे, गलत पहचान बनाकर यौन संबंध बनाना, महिलाओं और बच्चों के साथ गलत या फिर गैंगरेप के मामलों में अपराधियों को 20 साल की सजा या फिर आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाएगी। केवल इतना ही नहीं, 18 साल से कम उम्र की बच्चियों के मामले में अपराधियों को मृत्युदंड देने का प्रावधान है। नए कानून के मुताबिक, बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर करने पर सजा का प्रावधान है।
नए कानून में अब यौन शोषण के मामलों में पीड़िता के बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य होगी। साथ ही, 90 दिन के अंदर जांच अधिकारी द्वारा आरोप पत्र दायर करने की अनिवार्यता से जल्द से जल्द न्याय सुनिश्चित हो सकेगा। इसके अलावा, अंतरराज्यीय और संगठित अपराध के खिलाफ कठोर सजा का प्रावधान किया गया है।
नए कानून में अब यौन शोषण के मामलों में पीड़िता के बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य होगी।
90 दिन के अंदर जाँच अधिकारी द्वारा आरोप पत्र दायर करने की अनिवार्यता से जल्द से जल्द न्याय सुनिश्चित हो सकेगा। pic.twitter.com/mNgGGVaSJu
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) August 11, 2023
क्या है राजद्रोह कानून (Sedition Law)
धारा 124A भारतीय दण्ड संहिता 1860 के तहत, यदि कोई भी जानबूझकर बोले गए या लिखे गए शब्द या संकेतों या फिर किसी और प्रकार से समाज में घृणा या उत्तेजित करने का प्रयास करता है या फिर भारत सरकार के प्रति असंतोष को भड़काने, सशस्त्र विद्रोह या विध्वंसक गतिविधियों या भावनाओं को प्रोत्साहित करता है या भारत की संप्रभुता या एकता और अखंडता को खतरे में डालने की कोशिश करता है तो वो राजद्रोह के तहत आरोपी हो सकता है। जिसे तीन साल की सजा से लेकर आजीवन कारावास की सजा तक कानूनन दंडित किया जा सकता है। वहीं, गिरफ्तारी के बाद जमानत की प्रक्रिया भी जटिल होती है क्योंकि यह एक गैर-जमानती अपराध माना जाता है।