DOGE के कर्मचारी करते हैं एक दिन में 17 घंटे काम, बोले एलन मस्क , सोशल मीडिया पर लोग बोले “यू आर अ टेरिबल बॉस”

एलन मस्क (Elon Musk) ने DOGE यानी Department of Government Efficiency के अपने कर्मचारियों का उदाहरण देते हुए X पर पोस्ट कर लिखा कि वे हफ्ते में 120 घंटे यानी रोज के 17 घंटे काम करते हैं।

Bhawna Choubey
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इंफोसिस के संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति के 70 घंटे काम करने के और एलएनटी के चेयरमैन एस.एन सुब्रमण्यम के 90 घंटे काम करने के बयान पर बवाल अभी पूरी तरह शांत भी नहीं हुआ था कि अमेरिका के दिग्गज बिजनेसमैन एलन मस्क (Elon Musk) ने 120 घंटे काम करने की बात कहकर एक बार फिर पूरे बिजनेस जगत में हंगामा मचा दिया है। मस्क के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है।

17 घंटे दिन में करते हैं DOGE के कर्मचारी काम

दरअसल, एलन मस्क ने DOGE यानी Department of Government Efficiency के अपने कर्मचारियों का उदाहरण देते हुए X पर पोस्ट कर लिखा कि वे हफ्ते में 120 घंटे यानी रोज के 17 घंटे काम करते हैं। वहीं इसकी तुलना में सरकार के कर्मचारी हफ्ते में मात्र 40 घंटे काम करते हैं और यही कारण है कि हम बहुत कुछ खो रहे हैं।

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ट्विटर के टेक ओवर के साथ ही हफ्ते में 80 घंटे काम का लिया था निर्णय

आपको बता दें, यह पहली बार नहीं है, जब एलन मस्क ने काम के घंटे बढ़ाए जाने को लेकर वकालत की है। इससे पहले भी, जब उन्होंने ट्विटर वर्तमान में X को टेक ओवर किया था तब सभी कर्मचारियों के लिए हफ्ते में 80 घंटे के काम को आवश्यक कर दिया था।

लोगों ने मस्क को बताया टेरिबल बॉस

हालांकि, एक और जहां कुछ लोग मस्क के इस निर्णय की प्रशंसा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इसे एक टेरिबल बॉस का निर्णय बता रहे हैं। लोगों का कहना है, कि यह निर्णय प्रैक्टिकल तौर पर संभव नहीं है। यदि लोग हफ्ते में 120 घंटे काम करेंगे तो वह ना ही ढंग से काम पर ध्यान दे पाएंगे, बल्कि उनकी सेहत पर भी भारी नकारात्मक असर पड़ेगा जिसमे बेहोश होने जैसी स्थिति भी भी शामिल है। कुछ लोगों ने एलन मस्क के इस पोस्ट को नजरअंदाज करने तक की बात कही है।


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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