Solar Storm: लद्दाख के हेनले डार्क स्काई रिजर्व में एक आकाशीय घटना ने सूर्य से पृथ्वी की ओर बढ़े सौर चुंबकीय तूफानों के कारण गहरे लाल रंग की चमक से आसमान को रोशन कर दिया है। भारत में स्पेस साइंसेज में एक्सीलेंस सेंटर (सीईएसएसआई), कोलकाता के वैज्ञानिकों के अनुसार, सौर तूफान सूर्य के एआर13664 क्षेत्र से निकलते हैं, जहां पूर्व में कई ज्यादा ऊर्जा सौर फ्लेयर्स प्रकट होते थे। इन तत्वों में से कुछ 800 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से पृथ्वी की ओर अग्रसर हुए।
जगमगा उठा आसमान:
दरअसल उत्तरी गोलार्ध के ऊंचे अक्षांशों में, आसमान अद्भुत औरोरा बोरियोलिस या नॉर्डन लाइट्स से जगमगा उठा। इस नजारे का अनुभव ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्लोवाकिया, स्विट्जरलैंड, डेनमार्क, और पोलैंड के स्काईवॉचर्स ने किया। वहीं इस नजारे को लोगों ने सोशल मीडिया पर शेयर किया। जानकारी के अनुसार शुक्रवार रात को लद्दाख में, हेनले डार्क स्काई रिजर्व के एस्ट्रोनॉमर्स ने लगभग एक बजे से उत्तर-पश्चिमी क्षितिज पर लाल चमक से जगमगाता हुआ आसमान देखा जो सुबह तक बना रहा।
‘हम भाग्यशाली महसूस कर रहे थे’-स्टैनजिन नोर्ला:
वहीं इस अद्भुत घटना के बारे में हेनले डार्क स्काई रिजर्व के इंजीनियर स्टैनजिन नोर्ला का कहना है कि, ‘हम भाग्यशाली महसूस कर रहे थे कि हमने नियमित दूरबीन देखने के दौरान हमारे ऑल-स्काई कैमरे पर ऑरोरा गतिविधियों को देखा।’ इसके साथ ही उनका कहना है कि यह घटना क्षितिज के किनारे बिना किसी उपकरण की मदद से भी देखी गई। इसमें एक हल्की लाल चमक दिखाई दी और यह घटना हानले डार्क स्काई रिजर्व में लगाए गए एक डीएसएलआर कैमरे में भी कैद हो गई। इसके साथ ही स्टैनजिन ने कहा कि, ‘यह रात के लगभग एक बजे से शुरू होकर 3:30 बजे तक आसमान में प्रकट रहा। क्षितिज लाल होने के बाद में गुलाबी रंग में बदल गया।’
‘कुछ घंटों तक आसमान में प्रभाव दिखाई दिया’
हानले में, भारतीय खगोलीय वेधशाला के इंजीनियर दोरजे अंगचुक ने इस घटना को वर्णित करते हुए इसे एक स्थिर ऑरोरल रेड आर्च का रूप बताया, जो कि लद्दाख के आसमान में अत्यधिक दुर्लभ घटना थी। वहीं अंगचुक ने बताया कि उत्तरी या दक्षिणी ध्रुवों के पास देखी जाने वाली यह ऑरोरल घटनाए गतिशील घटनाएं होती हैं। इनका रूप बदलता रहता है, लेकिन लद्दाख में देखा गया उसका प्रभाव अधिक स्थिर था। स्थिर प्रकाश कुछ घंटों तक आकाश में प्रतिष्ठित रहा।