राज्य सरकार का होली गिफ्ट, मानदेय में भारी वृद्धि, अप्रैल से लागू, मई से खाते में आएगी 15000 तक राशि, इन कर्मियों को होगा लाभ

राजस्थान की भजनलाल सरकार ने ग्रामीण विकास को ध्यान में रखते हुए समस्त जिला प्रमुखों, प्रधानों और सरपंचों का मानदेय बढ़ा दिया है, वही उत्तराखंड सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के तहत चिकित्सा उपकेंद्रों पर अंशकालिक व्यवस्था पर तैनात कर्मियों के मासिक मानदेय को ढाई गुना बढ़ा दिया है।

Pooja Khodani
Published on -

Rajasthan/Uttarkhand Honorarium Hike 2024: लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले सौगातों का सिलसिला जारी है। राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ा जाने के बाद अब भजनलाल सरकार ने ग्रामीण विकास को ध्यान में रखते हुए समस्त जिला प्रमुखों, प्रधानों और सरपंचों के मानदेय बढ़ा दिया है, वही उत्तराखंड सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के तहत चिकित्सा उपकेंद्रों पर अंशकालिक व्यवस्था पर तैनात दाइयों का मासिक मानदेय को ढाई गुना बढ़ा दिया है।

राजस्थान के जिला प्रमुख, प्रधान एवं सरपंच का मानदेय बढ़ा

राजस्थान पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने बताया कि राज्य सरकार की बजट घोषणा के अनुसार जिला प्रमुख, प्रधान एवं सरपंच का मानदेय दस प्रतिशत बढ़ाया गया है।शासन सचिव एवं आयुक्त रवि जैन ने बताया कि जिला प्रमुख को वर्तमान में मिल रहे 13800 रुपये से बढ़ाकर 15180 रुपये, प्रधान को 9660 रुपये से बढ़ाकर 10626 रुपये एवं सरपंच को 5 हजार 520 रुपये से बढ़ाकर 6 हजार 72 रुपये मानदेय निर्धारित किया गया है। मानदेय में यह वृद्धि एक अप्रैल से लागू होगी। सीएम भजनलाल शर्मा ने इसके लिए सभी जिला प्रमुखों, प्रधानों और सरपंचों को बधाई दी है।

उत्तराखंड के इन कर्मियों का ढ़ाई गुना बढ़ा मानदेय 

उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग के तहत चिकित्सा उपकेंद्रों पर अंशकालिक व्यवस्था पर तैनात दाइयों के मासिक मानदेय में भी ढाई गुना वृद्धि की गई है।इनका मानदेय 400 रुपए से बढ़कर 1000 रुपये कर दिया है। इसका लाभ प्रदेशभर की 1323 दाइयों को मिलेगा। वर्तमान समय तक इन सभी दाइयों को 400 रुपये का भुगतान किया जाता था,जिसे राज्य सरकार ने बढ़ाकर 1000 रुपये प्रतिमाह कर दिया है। इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने महानिदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को पत्र जारी कर मानदेय बढ़ाने के निर्देश दे दिये हैं।


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News